चम्बा ! प्रदेश सरकार ने गरीब लोगों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना , हिम केयर योजना ,सहारा योजना ,मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, मुख्यमंत्री एक बीघा योजना, मल निकास योजना , उज्वला योजना और ना जाने इतनी ऐसी कितनी ही दर्जनों योजनाएं उन गरीब व जरूरतमंदों के लिए शुरू की हैं जो इसके पात्र हैं। लेकिन ना जाने किन कारणों से उन गरीब व जरूरतमंद लोगों को इन योजना का कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार द्वारा हर साल करोड़ों रुपए का बजट इसके लिए स्वीकृत किया जाता है लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों के पक्षपात वह सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह सब लोग उन सभी योजनाओ से वंचित रह जाते हैं। हालांकि सरकार द्वारा हर साल प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर आवंटित किए जाते हैं और उसका प्रचार प्रसार उच्च स्तर तक किया जाता है। लेकिन चम्बा जिला की बात करें तो यहां पर जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रही है।
चम्बा जिला की ग्राम पंचायत दुलाहर फरार गांव में एक परिवार ऐसा है जो आज भी अपने कच्चे मकान के एक ही कमरे में रहने पर मजबूर है। बारिश व बर्फबारी में यह मकान कभी भी गिर सकता है। एक ही कमरे में खाना बनाना वहीं पर सोना और वहीं पर बच्चों का पढ़ना लिखना। आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह परिवार किस तरह से अपना जीवन यापन कर रहा है।यहां तक की शौचालय के लिए भी उन्हें खुले में बाहर जाना पड़ता है। हालांकि शौचालय के लिए भी सरकार ने बहुत सी योजनाएं चलाई है लेकिन वह योजनाएं यहां पर बिल्कुल फींकी दिख रही है। इससे पहले इसी मकान में 12 सदस्य रहते थे लेकिन कांता देवी का परिवार अब अलग रह रहा है उसके देवर को तो मकान मिल गया है लेकिन अब कांता देवी भी सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठी है।
जहां पर रह रही महिला ने बताया कि उनके एक ही परिवार 6 सदस्य एक ही कमरे में रहने पर मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह यहीं पर खाना बनाते हैं यहीं पर सोते हैं उनके बाल बच्चे यहीं पर पढ़ते हैं। उनकी बेटी ने बताया कि उन्हें शौचालय जाना होता है तो वह खुले में ही बाहर जाती हैं जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें भी सरकार द्वारा दी जाने वाली सभी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए ताकि उन्हें भी कुछ राहत मिल पाए।