शिमला ! हिमाचल विधानसभा में 26 फ़रबरी को हुए हंगामे के बाद निलंबन व एफआईआर के विरोध में विपक्ष के नेता सहित 5 सदस्य विधानसभा गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। क्योंकि इन सदस्यों को आज सदन के परिसर में प्रवेश नही करने दिया गया। मुकेश अग्निहोत्री, हर्षवर्धन चौहान, सुंदर सिंह, सतपाल रायज़दा व विनय सिंह विधानसभा गेट में ही विरोधस्वरूप बैठ गए। इन सदस्यों ने सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ नारेबाज़ी की। सदन के अंदर शोको दगार चला तो सदन के बाहर 5 सदस्यों का विरोध।
विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सारे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर है। जिन्होंने असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मंत्रियों को हंगामे के लिए उकसाया और विपक्ष के सदस्यों के साथ मंत्रियों व विधानसभा उपाध्यक्ष को धक्कामुकी के लिए भेजा। ऐसे मंत्रियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के बजाए उलटा विपक्ष के सदस्यों पर राजद्रोह जैसी धाराएं लगाकर मुकदमे बना दिए। यदि किसानों , महंगाई व फर्जीवाड़े जैसे मुद्दों को उठाना राजद्रोह है तो वह ऐसा बार बार करेंगे।
26 फ़रबरी को हुए विधानसभा प्रकरण पर निलबंन के साथ इन पांच नेताओं पर धारा 323, 341, 353, 504, 34,124 IPC के तहत मामले दर्ज किए गए है। आज सदन के अंदर पूर्व दिवंगत विधायकों के लिए शोकोदगार प्रस्तुत किया गया तो विधानसभा सदन के बाहर सदस्यों ने धरना देकर अपना विरोध जताया। इस विरोध में सदस्यों ने दिवगंत कांग्रेसी नेता सुजान सिंह पठानियाँ की फ़ोटो पर ही श्रदांजली दी।