चम्बा ! पिछले कुछ दिन पहले तेज़ धूप का कहर इस कदर बढ़ता जा रहा था की तापमान का पारा 19,डिग्री तो शाम होते होते 25,से 26,डिग्री जाने लग पड़ा था मानो यह फरवरी का महीना न होकर गर्मी के मई जून के महीने हो। लोग फरवरी के महीने में ही ठंडी आइस्क्रीम तक खाने लग पड़े थे। पर पिछले दिनों हुई बारिश ने मोसम को फिर से कूल कूल कर दिया है। बेमोसमी आई गर्मी से परेशान हो चुके किसानों का यह कहना था कि अगर कुछ दिन और इसी तरह से गर्मी का मौसम बना रहता तो गंदम की फसल के साथ आने वाली सेब की फसल भी तबाह हो सकती थी।
ऊँची पहाड़ियों पर दिख रही यह ताजा बर्फ़बारी पिछले कल शाम की है। बताते चले कि पिछले कल सारा दिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों में छमाछम बारिश होती रही तो वंही ऊँची पहाड़ियों पर रुक रुक कर बर्फ़बारी होती रही। इस बारिश को देखकर किसान और बागवान जोकि मायूस हो रहे थे उनको इस बारिश ने थोड़ी राहत पहुंचाई है। किसानों और बागवानों का कहना है कि बारिश तो हुई पर कम हुई है फिर भी न होने से तो बेहतर है।
इन किसानो का कहना है कि इस बारिश से हमारी फसल को काफी फायदा मिलेगा। इनका यह भी कहना है कि सेब की फसल के लिए जो बर्फ़बारी होनी चाहिए वैसी तो नहीं हुई है फिर भी इस बारिश से जमीं को नमी मिलेगी और सेब की फसल होने की भी सम्भावना भी बन गई है।