चम्बा ! सीटू के प्रतिनिधि मंडल ने बाल विकास परियोजना अधिकारी को सौंपा मांगपत्र !

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चम्बा ! आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स यूनियन प्रोजेक्ट चुवाडी सम्बन्धित सीटू के प्रतिनिधि मंडल जिसमें सीटू जिला महासचिव सुदेश ठाकुर,यूनियन सचिव रेखा देवी , अध्यक्ष बबीता देवी, उपाध्यक्ष सिम्मी ने आज कोविड -,19 से सम्बन्धित समस्याओं सम्बन्धी मांगपत्र बाल विकास परियोजना अधिकारी को सौंपा।

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यूनियन के प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कारोना महामारी में ड्यूटी करवा रही है ,परंतु उन्हें इसकी एवज में किसी तरह का वेतन या कोई अन्य लाभ नहीं दे रही। न ही कोई सामाजिक सुरक्षा और न ही किसी तरह के बीमा का का प्रावधान है।यूनियन ने पत्र में 28 नवम्बर के यूनियन की राज्य कमेटी द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यूनियन ने कोविड 19 के हिम सुरक्षा अभियान में कार्य करने को मना किया है ।

उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर्स ने आज दिन तक सरकार व विभाग के आदेशों व दिशा निर्देशों के अनुसार अपनी सेवाओं के अतिरिक्त भी आज तक कार्य किया है वह आगे भी करेंगे कोविड-19 हमारी सेवाओं में नहीं आता है और ना ही इसके लिए हमें किसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है यदि हम बिना प्रशिक्षण के कार्य करते हैं तो कॉरोना महामारी से संक्रमित लोगो व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

कोविड-19 के कार्य करने का कोई भी अतिरिक्त लाभ या वेतन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को नहीं दिया जा रहा है। ना ही किसी प्रकार की समाज सुरक्षा का प्रावधान है ना ही कोई बीमा पॉलिसी है और ना ही कोई मुआवजे का प्रावधान है। यूनियन ने मांग की है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स को कोविड-19 के काम करने पर अतिरिक्त वेतन दिया जाए, ड्यूटी के समय आंगनवाड़ी वर्कर के संक्रमित होने होने पर उसके इलाज वाह परिवार की सुरक्षा का इंतजाम सरकार करें।

ड्यूटी के समय दुर्घटना वर्ष अगर किसी कार्यकर्ता की मौत हो जाती है या कोविड़ से संक्रमित होने पर मौत होती है तो मुआवजे केतौर पर 2500000 रुपए दिए जाए तथा 5000000 रुपए का बीमा कवर दिया जाए।
यूनियन ने रोष जताया कि कि कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने ड्यूटी कारणवश करने से मना किया तो विभाग द्वारा उन कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाया गया और हाई कोर्ट का ऑर्डर दिखाकर डराया गया कि ड्यूटी ना करने पर आपकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।

यूनियन ने कहा कि ऐसे तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया है जिसकी सरकार से मांग कई वर्षों से कर रहे है। उन्होंने कहां की योजना कर्मी है और एक योजना के तहत कार्य कर रहे हैं उनकी सेवा शर्तों में नियुक्ति के समय स्वयंसेवी शब्द लिखा जाता है और उन्हें स्वयंसेवी ही माना जाता है पारिश्रम के रूप में उन्हें मानदेय दिया जाता है।

यूनियन ने सरकार व विभाग से मांग की है कि वे ड्यूटी के समय कार्यकर्ता के साथ यदि कोई दुर्घटना होती है तो उसकी जिम्मेवारी लें। यूनियन ने कहा कि सरकार काम करवाने के साथ उनकी मांग को भी पूरा करे अन्यथा इस शोषण के ख़िलाफ़ उनके पास संघर्ष के सिवाय कोई रास्ता नहीं होगा। इस प्रतिनिधि मण्डल में लता देवी,अनीता कुमारी,सपना देवी, सुबह,बीना,नीलम,अरुणा आदि शामिल रहे।

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