मुख्यमंत्री ने पर्यटन के दृष्टिगत अनछुए स्थलों को विकसित करने पर दिया बल !

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फाइल चित्र
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शिमला !  प्रदेश के सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ आयोजित 11 घण्टे के मैराथन सम्मेलन के दौरान अपने समापन भाषण में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आशा व्यक्त की कि अपने समर्पण और प्रतिबद्धता से प्रदेश सरकार राज्य में लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं पर खरा उतरेगी। प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी और विकासात्मक नीतियों व कार्यक्रमों से लोग लाभान्वित होंगे।

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जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला अधिकारियों को पर्यटन की दृष्टि से अनछुए स्थलों और स्थानीय उत्पादों के विकास पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचली शाॅल और टोपी विश्व विख्यात है। यह भारत सरकार के हस्तकरघा संरक्षण अधिनियम के तहत आरक्षित हैं। इन दोनों का पेटेंट किया गया है। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला स्थित धरोहर गांव नग्गर के समीप सरण गांव को शिल्प हस्तकरघा गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके तहत 118.63 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं और राज्य सरकार 13.40 लाख रुपये का योगदान देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण से लाहौल-स्पीति जिला पर्यटकों के लिए वर्ष भर खुला रहेगा। उन्होंने पर्यटकों के लिए वे-साइड एमेनिटीज सहित बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिले में पर्यटन अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए और साथ ही प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्यटक यहां गंदगी न फैलाएं। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन इकाइयां जैसे होम स्टे आदि में स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला को भी बढ़ावा देना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने सिरमौर जिला प्रशासन की गौ सदन और गौ अभ्यारणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए भूमि हस्तांतरण मामलों में तेजी लाई जानी चाहिए, ताकि इनका कार्य शीघ्र आरम्भ किया जा सके। उन्होंने कहा कि नौहराधार-चूड़धार को इको-टूरिज्म की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है क्योंकि इस क्षेत्र में हर वर्ष भारी तादाद में पर्यटक भ्रमण के लिए आते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों, उपमण्डलाधिकारियों और अन्य फील्ड अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 15 दिसम्बर तक सामाजिक कार्यक्रमों में 50 से अधिक लोग हिस्सा न लें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा परिकल्पित सभी विकासात्मक परियोजनाओं को साकार करने में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि लक्षित परियोजनाओं को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को प्रभावी रूप से कार्यान्वित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।उन्होंने उपायुक्तों को अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए सुझाव देने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सौंपा गया दायित्व उन्हें अपनी क्षमता और योग्यता को दिखाने के लिए एक अवसर होता है।

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