मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक की अध्यक्षता की !

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शिमला ! प्रदेश सरकार के अधिकारी, विशेषकर फील्ड अधिकारी जैसे उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों को अवसर में परिवर्तित करने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता से कार्य करना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना महामारी के कारण कठिन दौर से गुजर रहा है और हिमाचल प्रदेश भी इस चुनौती से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों ने प्रदेश में इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। उन्होंने कहा कि जिस गंभीरता और साहस से प्रशासन ने कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न चुनौती का सामना किया है, वह निःसंदेह ही प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के सख्ती से लागू होने के उपरांत अनलाॅक के दौरान लोगों द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण पिछले दो महीनों में प्रदेश में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है और बहुत से लोगों की जान भी गई है। उन्होंने जिला अधिकारियों द्वारा ‘एक्टिव केस फांइनडिंग अभियान’ को सफल बनाने में निभाई भूमिका की सराहना की।

जय राम ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे समर्पण और प्रतिबद्धता से कार्य करना चाहिए, जिससे लोगों में उनके प्रति अविस्मरणीय भाव रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकताएं अधिकारियों की उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनमंच, हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना, मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना, हिमकेयर, सहारा योजना, खेत संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना, नई राहें नई मंजिलें जैसी योजनाएं अधिकारियों की उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि जमीनी स्तर तक लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला अधिकारियों को प्रदेश के लोगों को श्रेष्ठ सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए लीक से हटकर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास का लाभ वांछित लक्षित समूहों तक पहुंचना चाहिए, इसके लिए अधिकारियों को दृढ़ संकल्प और उत्साह के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए नई पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी सरकारी की नीतियों का लाभ लोगों तक पहुंचाने में विफल रहेगा उनके खिलाफ सरकार कोई भी कड़ी कार्रवाई करने में परहेज नहीं करेगी।उन्होंने कहा कि जनमंच के तहत प्राप्त सभी शिकायतों का शीघ्र समाधान किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही उपायुक्तों को उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जो तथ्यहीन शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। उन्होंने नई राहें-नई मंजिलें योजना के अन्तर्गत धीमी प्रगति को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नशे के बढ़ते हुए मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस सामाजिक बुराई से सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए और इस मामले में उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को उचित प्रतिक्रिया के लिए लोगों के साथ निरन्तर संवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन समुदाय के साथ सीधा सम्पर्क साधने से उनकी आवश्यकता और महत्वकांक्षा के अनुसार नीतियां और योजनाएं बनाने में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षक सरकार के प्रतिबिम्ब होते हैं, इसलिए उनका अधिक प्रतिबद्धता और उत्साह के साथ कार्य करना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को नशाखोरी को रोकने के लिए सम्बन्धित जिलों में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो लोग नशाखोरी में संलिप्त हैं, उनकी सम्पत्ति जब्त की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रभावी पुलिस निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त सम्बन्धित जिलों में निर्माणाधीन सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का कार्य निर्धारित समय पर पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंनेे कहा कि जो परियोजनाएं पूरा होने की कगार पर है उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि एफआरए और एफसीए स्वीकृति में देरी के कारण विकासात्मक परियोजनाएं प्रभावित न हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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