सोलन ! सरकार कृषि को बढ़ावा देने एवं भारतीय नस्ल की गाय के संरक्षण के लिए कृतसंकल्प- वीरेन्द्र कंवर !

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सोलन ! ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशु पालन एवं मत्स्य पालन मन्त्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने एवं भारतीय तथा पहाड़ी नस्ल की गाय के संरक्षण तथा संवर्द्धन के लिए कृतसंकल्प है। वीरेन्द्र कंवर आज सब्जी मण्डी सोलन के समीप स्थित आश्रय गौ सदन में गौशाला के लिए नए भवन का शिलान्यास करने के उपरान्त उपस्थित जन समूह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने गौशाला भवन निर्माण के लिए 15 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। वीरेन्द्र कंवर ने सभी को गोपाष्टमि की बधाई देते हुए आशा जताई कि यह दिवस जनमानस को गाय की सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

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पशु पालन मन्त्री ने कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का आधार है और भारतीय नस्ल की गाय का संरक्षण तथा संवर्द्धन प्राकृतिक खेती, पर्यावरण एवं मानवीय जीवन के लिए अमृत है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती एवं भारतीय गाय का सम्बन्ध हम सभी जानते हैं और उत्तम स्वास्थ्य तथा भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए प्राकृतिक कृषि एवं भारतीय गाय को बढ़ावा देने का सभी को प्रण लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ का पंचगव्य अमृत तुल्य है और भारतीय चिकित्सा पद्धति में अनेक जटिल रोगों के निवारण के लिए गौ मूत्र का प्रयोग किया जा रहा है।

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को देश का प्रथम प्राकृतिक कृषि राज्य बनाने के लिए कार्यरत है और इस दिशा में भारतीय एवं पहाड़ी नस्ल की गाय का उपयोग आवश्यक है। प्रदेश के ऊना जिला में 47 करोड़ रुपए की लागत से एक उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। इस केन्द्र में भारतीय नस्ल की रेड सिन्धी, साहीवाल एवं थार पारकर नस्ल की गायों को बढ़ावा देने के लिए अनुसन्धान एवं अन्य कार्य किए जाएंगे। साहीवाल व गिर नस्ल की गाय के लिए वीर्य प्रयोगशाला की स्थापना कांगड़ा जिला के पालमपुर में की जाएगी। इससे प्रदेश के गौ पालकों को लाभ होगा। उन्होने कहा कि भारतीय नस्ल की गाय का क्रय करने के लिए प्रदेश सरकार 30,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश की पहाड़ी नस्ल की गाय की अच्छी नस्ल तैयार करने के लिए कार्य प्रगति पर है। इस गाय को ‘गौरी’ ब्राण्ड नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए 10 करोड़ रुपए की परियोजना को केन्द्र सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी गाय के दूध को मिल्कफेड द्वारा ‘गौरी मिल्क’ के नाम से बाजार में उतारा गया है।

वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि गौ वंश के संरक्षण के लिए राज्य में गौ अरण्य क्षेत्र निर्मित किए जा रहे हैं। प्रदेश का प्रथम गौ अरण्य क्षेत्र सिरमौर जिला के कोटला पंजोला में निर्मित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि आगामी एक से डेढ वर्ष में गौ वंश सड़क पर बेसहारा न रहे। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पशुओं को डिजीटल टैग लगाया जा रहा है और गौशालाओं को सहायता प्रदान की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 180 गौ शालाएं पंजीकृत हैं।

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