चम्बा ! आसमान से जब बारिश की बुँदे बरसने लगती है तो चुराह घाटी के क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत कलेहल के गांव कालेरा में खतरे के बादल मंडराने लगते है। इसकी वजह यह है कि कुछ वर्ष पहले विभाग ने इस क्षेत्र को सड़क सुविधा को जोड़ने के लिए सड़क कार्य को अंजाम दिया गया था । पर जब इस सड़क को इस कालेरा गांव के नीचे से गुजरा गया तो इसमें बेतहासा कटिंग कर के इसे भीतर से खोखला कर दिया गया। नतीजा सड़क से ऊपर पहाड़ी के टिब्बे पर बने मकान को बेतहासा खतरा पैदा हो चूका है क्योंकि इस गांव का अधिकतर हिस्सा भूस्खलन की जद में धस्ता चला जा रहा है और समय रहते जिला प्रशासन ने इन गांव के घरों में आई दरारों और इसके बचाव को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाये तो कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
इधर सर्दियों का दौर सुरु हो चूका है तो वंही ग्राम पंचायत कलेहल के गांव कालेरा के रहने वाले ग्रामीण की रातों की नींद उड़ चुकी है जिसका कारण हे गांव के आसपास धीरे धीरे भूमि कटाव का होना। इस ग्रामीण बच्ची का कहना है कि हमारे गांव में भूमि कटाव निरंतर हो रहा है और सरकार इस और कोई ध्यान नहीं दे रही है। बस विभाग के लोग यहाँ आते है और काम के नाम पर बेबकुफ़ बनाकर चले जाते है। इस ग्रामीण लड़की ने विभाग और सरकार के झूठे दावों की पोल खोलते हुए कहा कि अभी तक इतनी जमीन भूसंख्लन की चपेट में जा चुकी उसका तो हम लोगो को कोई मुवावजा नहीं मिला है। इस बच्ची ने सभी ग्रामीणों का पक्ष रखते हुए कहा कि हम सभी ग्रामीणों की भूस्खलन में जा चुकी जमींन का मुवावजा और अभी के समय में यह जो खतरा मंडरा रहा है उससे हमारे गांव के लोगों को जल्द निजात मिलनी चाहिए।