शिमला ! सोमवार से प्रदेश के स्कूल, कालेज खुले, छात्रों की संख्या बहुत कम रही ।

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सांकेतिक चित्र
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शिमला ! सोमवार को प्रदेश के स्कूल, कालेज खुले, लेकिन पहले दिन छात्रों की संख्या बहुत ही कम रही। शिक्षा विभाग के पास देर शाम को आई रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में 30 प्रतिशत, जबकि कालेजों में 50 प्रतिशत छात्र आए। शिक्षा विभाग की इस रिपोर्ट से साफ है कि अभी भी अभिभावक व छात्रों में कोरोना वायरस का खौफ दूर नहीं हुआ है। सहमति पत्र के साथ स्कूलों में छात्र पहुंचे तो सही, लेकिन अधिकतर छात्रों के अभिभावकों ने सहमति पत्र नहीं दिया, यही वजह है कि कम संख्या स्कूल-कालेजों में छात्रों की रही। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सहमति बढ़ेगी और छात्र संख्या भी। फिलहाल सात माह बाद जब स्कूल, कालेज खुले, तो महौल बहुत ही अलग दिखा। स्कूल-कालेजों में सोशल डिस्टेंसिंग में रहे छात्र अपने दोस्तों से दूरी बनाकर रहे। इसके साथ ही गेट से ही थर्मल स्कैनिंग के बाद ही छात्र व शिक्षकों को अंदर आने की परमिशन दी गई।

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फिलहाल सरकार व शिक्षा विभाग उम्मीद में है कि धीरे-धीरे स्कूल, कालेज में छात्रों की संख्या बढ़ जाएगी। सोमवार को जिला के स्कूलों में 10 से 15 की संख्या में ही बच्चे स्कूल आए थे। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। इससे साफ है के अभी भी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को पूरी तरह तैयार नहीं हैं। अभिभावकों को बच्चों की चिंता सता रही है। हालांकि सोमवार को स्कूल खुलने से पहले सभी स्कूलों को सही तरीके से सेनेटाइज किया गया था। शिक्षकों से लेकर सभी कर्मचारियों के लिए थर्मल स्कैनिंग के बाद ही एंट्री रखी गई थी, लेकिन उसके बवजूद अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।शिक्षा मंत्री ने कालेज प्रबंधन से लिया रिव्यू स्कूल-कालेज खुलने के बाद शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कालेज प्रबंधन से रिव्यू लिया। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कालेज प्राचार्यों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। उन्होंने कहा कि कोविड में जितना हो सके, शिक्षकों की यह अहम जिम्मेदारी है कि वे ज्यादा से ज्यादा बच्चों से संवाद करे। इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि बच्चे जब स्कूल-कालेज आएं, तो वे शिक्षण संस्थान में भी घर जैसे माहौल का ही अनुभव करें। इसके साथ ही ई-पीटीएम के जरिए भी लगातार अभिभावकों से संवाद किया जाए। स्कूलों में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग में बिठाने, मास्क पहनने आदि के बारे में भी जागरूक करने के निर्देश दिए गए। शिक्षा विभाग रोज स्कूल-कालेजों में कितने छात्र पहुंचे, इस पर अपडेट लेगा। वहीं, रोज यह आकलन किया जाएगा कि कितने छात्र कक्षाओं में आ रहे हैं।

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