बददी ! 19वीं शताब्दी से चली आ रही रावण पुतला दहन की परंपरा इस बार कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गई है। अनलॉक-5 की बंदिशों के कारण इस वर्ष बद्दी में दशहरा मेला का आयोजन नहीं होगा। हिन्दू संस्कृति के अनुसार आज के दिन श्री राम ने रावण को मार कर अधर्म पर धर्म , असत्य पर सत्य व अन्याय पर न्याय की जीत दिलाई थी। बददी के वार्ड नं 2 के सरकारी स्कूल के मैदान में व हाउसिंग बोर्ड के दशहरा मैदान में हमेशा रावण के पुतलो का दहन किया जाता था लेकिन कोरोना के चलते ये दोनों कार्यक्रम बददी में आयोजित नही किये गए है। नप बददी के अध्यक्ष नरेंद्र दीपा ने बताया कि प्रत्येक वर्ष नप बददी की ओर से हाउसिंग बोर्ड के दशहरा मैदान में रावण दहन किया जाता है लेकिन इस बार कोरोना के चलते कार्यक्रम नही किया गया है क्योंकि कोरोना संक्रमण कम हुआ है, लेकिन खत्म नहीं हुआ है। रावण दहन के समय मैदान में हज़ारो की संख्या में लोग इकठे हो जाते है जिससे कि कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहता। उन्होंने कहा कि इस बार हर व्यक्ति को अपने अंदर के रावण का दहन करना चाहिए। वर्तमान में कोरोना के जो हालात नजर आ रहे हैं, वे चिंताजनक हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि त्योहारों के मौसम में कोरोना को लेकर सावधानी बरतें और घरों से मास्क लगाकर ही बाहर निकले।
उधर बददी सुधार सभा के अध्यक्ष संजीव कौशल ने कहा कि वे भी हर वर्ष बददी के सरकारी स्कूल के मैदान में रावण कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतलो का दहन करते थे । लेकिन कोरोना के कारण इस बार कार्यक्रम का आयोजन नही किया गया है। ताकि किसी प्रकार से भी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो।
गौरतलब है कि प्रतिवर्ष होने वाले रावण दहन में आतिशबाजी देखने और परंपरा निभाने के लिए सैकड़ों लोग रावण दहन स्थल पहुंचते हैं। ऐसे में इस बार यदि यह कार्यक्रम किया जाता है, तो लोग निश्चित तौर पर पहुंचते। ऐसे में संक्रमण फैलने का भय रहता। सुरक्षा के चलते यह निर्णय लिया गया है।