बददी ! कृषि विधेयक बिल जमीनी स्तर पर बिना किसी तैयारी के लाया गया है। यदि इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम कहा जाए तो भी कोई बुराई नहीं होगी। यह बात भारतीय किसान संगठन के प्रदेशाध्यक्ष गोपाल चंद नेगी ने बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच से बिचौलियों को निकालना एक अच्छा कदम है जिसका भारतीय किसान संगठन स्वागत करता है लेकिन इसमें कॉर्पोरेट जगत को शामिल करना दुर्भाग्य पूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि किसान किसी से भी मुकाबला तैयार करने के लिए तैयार हैं बशर्ते उन्हें उस लड़ाई को लडऩे के काबिल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि किसान मक्की के बीज की पांच किलो की थैली एक हजार रूपए में खरीदता है लेकिन जब फसल तैयार होने के बाद उसे बेचने की बारी आती है तो वह केवल दस रूपए किलो बिकती है।
ऐसे में किसान कहां से अपनी लड़ाई लड़ सकेगा। किसानो की जीरी की खेती तैयार है लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा है। किसान पहले पंचकुला में अपनी फसल बेचते थे लेकिन इस बार वहां पर भी मना कर दिया गया है। मंडी के आढ़तियों का कहना है कि वह 1750 रूपए प्रति क्वींटल फसल खरीदेंगे जबकि सरकार ने 1888 रूपए दाम तय कर रखा है। ऐसे में हिमाचल के किसान अपनी फसल कैसे बेचेंगे जबकि यहां पर कोई मंडी का निर्माण नहीं हो पाया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री का प्रशासन के ऊपर कोई नियंत्रण नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या का हल करने के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स का निर्माण किया जाना चाहिए जिसमें अनुभवी किसानों को शामिल किया जाए। उनके विचार विमर्श के बाद किसानों के हितों के जो भी फैसल लिए जाएं उन्हें तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बीज देने से पहले किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच होनी चाहिए कि किस मिट्टी में कौन बीज अच्छी फसल देगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह प्रशासन को चुस्त दुरुस्त करे ताकि किसान इधर उधर न भटकें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी सुनवाई नहीं करता है तो किसान अपने अपने क्षेत्र के विधायक का घेराव करेंगे। कृषि विधेयक पर उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट जगत को इससे किसानों के खेतों पर नजर रहेगी। जैसे ही उन्हें किसानों की कोई कमी नजर आएगी वह उससे जमीन खरीद लेंगे। इस मौके पर भारतीय किसान संगठन के प्रदेश सचिव जितेंद्र शर्मा, साई जोन के अध्यक्ष निक्काराम तथा रामदेव ठाकुर उपस्थित रहे।