हिमाचल पुलिस ने विशेष अभियान के तहत ढूंढ निकाले 414 लापता व्यक्ति !

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प्रतीक चित्र
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हिमाचल ! किसी भी लापता व्यक्ति के जीवित या मृत होने की पुष्टि नहीं की जा सकती क्योंकि लापता व्यक्ति का स्थान और वस्तु स्थिति उसके जानने वालों को पता नहीं होती। व्यक्ति के लापता होने के कई कारण हो सकते है जैसे कि दुर्घटना, अपराध या अपनी स्वेच्छा से । व्यक्ति के लापता होने पर इसकी रिपोर्ट नजदीकी पुलिस थाना में गुमशुदगी रिपोर्ट के तौर पर दर्ज की जाती है।

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वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राज्य में पिछले 12 वर्षों के दौरान 2008 से 31 जुलाई 2020 तक 18,571 लापता व्यक्तियों का रिकार्ड दर्ज है। इनमें से अब तक 16,958 व्यक्तियों का पता लगाया जा चुका है और शेष 1,613 व्यक्ति अभी भी लापता है। हिमाचल में खोजे गए व्यक्तियों का कुल प्रतिशत 91.31% है, जो काफी संतोषजनक है।

वर्ष 2013 में हिमाचल पुलिस द्वारा दो विशेष अभियान चलाए गए थे और कुल 304 लापता व्यक्तियों का पता लगाया गया। इसके बाद वर्ष 2015 से 2016 के दौरान लापता बच्चों का पता लगाने के लिए राष्ट्रव्यापी विशेष अभियान शुरू किया गया, जिन्हें ऑपरेशन स्माइल (Operation Smile) और ऑपरेशन मुस्कान (Operation Muskan) के नाम से चलाया गया। इन अभियानों के दौरान 51 लापता बच्चों का पता लगाया गया।

इन खोजी अभियानों की उल्लेखनीय उपलब्धि के बाद, हिमाचल पुलिस ने राज्य सीआईडी ​​की देखरेख में हर साल राज्य में इस तरह के खोजी अभियान शुरू करने का फैसला किया। जिसके फलस्वरूप राज्य में अभियान चलाए गए और वर्ष 2017 के दौरान 210 व्यक्ति (पुरुष 73, महिला 137), 2018- 252 व्यक्ति (पुरुष 86, महिला 166) और वर्ष 2019- 365 व्यक्ति (पुरुष 126, महिला 239) का पता लगाया।

इसी कड़ी में इस वर्ष एक विशेष अभियान 1 अगस्त 2020 से 31 अगस्त 2020 तक चलाया गया। जिसके दौरान 39 गैर सरकारी संगठनों (NGO’s) , 38 हेड कांस्टेबल, 89 कांस्टेबल, 46 लेडी कांस्टेबलों और 14 गृह रक्षकों सहित विभिन्न मण्डल स्तरों पर खोजी टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने 994 आश्रय घरों, प्लेटफार्मों, बस स्टैंड, धार्मिक स्थानों आदि का दौरा किया और बच्चों सहित 615 व्यक्तियों की जांच की।

विशेष अभियान के दौरान फैली COVID-19 महामारी के बावजूद, पुलिस खोजी दल ने राज्य में 111 पुरुष, 252 महिला और 51 बच्चों (27 लड़कियां और 24 लड़कों) सहित 414 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक तलाश करके असाधारण उल्लेखनीय काम किया है। इस विशेष अभियान के दौरान जिला मंडी में 70, सिरमौर में 62, शिमला में 59 और कुल्लू में 50 लापता व्यक्तियों का पता लगाया गया है। पिछले तीन वर्षों यानी 2017, 2018 और 2019 की तुलना में इस वर्ष का विशेष अभियान सबसे सफल रहा, जिसके दौरान क्रमशः 210, 252 और 365 लापता व्यक्तियों का पता लगाया गया था। वर्तमान में सबसे अधिक जिला कुल्लू में 221, मंडी में 207 और बद्दी में 194 व्यक्ति लापता हैं।

यहाँ यह उल्लेख करना जरूरी है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय पोर्टल ‘ट्रैक चाइल्ड’ (Track the missing child) विकसित किया है, जिसमें न केवल लापता बच्चों का ब्यौरा दर्ज है बल्कि विभिन्न बाल देखभाल संस्थानों (Child Care Institution) में सेवाओं के लाभार्थी बच्चों की प्रगति की निगरानी के लिए एक लाइव डाटाबेस/ब्यौरा भी उपलब्ध है । “खोया-पाया पोर्टल” मोबाइल ऐप गुमशुदा बच्चों की रिपोर्ट करने के लिए एक नागरिक ट्रैक चाइल्ड पोर्टल है, जो पुलिस स्टेशन में बिना शिकायत दर्ज करवाये लापता बच्चों को ढूंढने में मदद करता है।

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