सराज घाटी ! सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से खुश और समृद्ध हो रहे है सराज के किसान !

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सराज घाटी ! विकास खंड सिराज में आत्मा परियोजना के अंतर्गत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती में किसान दिखा रहे है अपनी रूचि किसानों का यह मानना है की सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से किसान कम खर्च से एक अच्छी गुणभक्ता बाली खेती कर सकते है और यह खेती जहर मुक्त खेती है जिसे मानव जाती में तेजी से फैल रही बीमारियों को भी रोका जा सकता है यह खेती हमें एक शुद्ध अनाज देती है सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से प्रकृति में होने बाले नुकसान को रोका जा सकता है यह खेती गौ माता के गोबर और गौ मूत्र से होने बाली खेती है तथा किसानों को इस खेती को अपनाने से बहुत लाभ हो रहा है इस खेती को अपनाने से किसानों को किसी भी प्रकार की कोई भी किटनाशक, फफूंदनाशक, खरपतबारनाशक जैसी रसायनिक दवाइयों को बाजार से लाने की जरूरत नहीं पड़ती जो की किसानों को कर्ज में डुबो देती है !

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सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती बिधि में किसान अपने घर में ही प्राकृतिक दवाइयां आसानी से ही बिल्कुल कम खर्च में खुद तैयार कर सकते है जिसे ना तो कोई कर्ज लेने की आवश्यकता होगी और ना ही उनकी सेहत को कोई खतरा होगा विकास खंड सिराज में अभी तक 1600से अधिक किसानों ने सुभाष पालेकर की इस तकनीक को अपना लिया है और कृषि विभाग की आत्मा टीम द्वारा भी किसानो तक सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की सभी योजनाओं को पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है विकास खंड सिराज में जो किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती कर रहें है !

सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के अंतर्गत संसाधन भंडार खोले गए है जिसमे की किसानों को सुभाष पालेकर प्रकृतिक विधि की सभी प्रकार की प्राकृतिक दवाइयां भी उपलब्ध होगी और सस्ते दामों में किसानों को उपलब्ध होगी इस योजना की जानकरी खंड स्तर पर बी.टी. एम. सुरेश कुमार और ए.टी.एम. संजय नायक और सूरज नायक से भी ली जा सकती है और बी. टी. एम., ए. टी. एम. द्वारा भी विकास खंड सिराज में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर भी शुरू कर दिए गए है !जिसे किसानों को इस खेती की सही जानकरी मिलेगी और इस सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती बिधि से कार्य करना भी शुरू कर देंगे. सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि से किसान अपनी आय को भी दुगना कर सकते है और हिमाचल प्रदेश में अधिकतर रसायन भी बंद किये जा रहें है और सरकार का भी ये लक्ष्य है की 2022 तक हर किसान की आय दुगनी करना और हिमाचल प्रदेश को जहर मुक्त राज्य बनाना है !

जिला स्तर से भी आत्मा परियोजना निदेशक जिला मंडी डॉ. ब्रम्हदास जसवाल और एस. एम. एस. जीरो बजट डॉ. हितेंद्र ठाकुर भी इस योजना में बी. टी. एम. और ए.टी.एम. के साथ मिलकर इस पद्धति को आगे बढ़ाने में मदद कर रहें है और किसान इस की जानकारी खंड स्तर पर बी टी एम और ए.टी.एम तथा जिला स्तर पर आत्मा कर्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं ।

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