चम्बा ! साढ़े छ महीने के बाद खुले मंदिरों के किवाड़।

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चम्बा ! कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते प्रदेश सरकार ने इसी वर्ष मार्च महीने में सभी धार्मिक स्थलों पर आने जाने पर कड़ा प्रतिवंध लगा दिया था पर अभी करीब साढ़े छ महीने बीतने के बाद प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की इज्जाजत दे दी है ओर वंही यह आदेश भी जारी किए है कि कोई भी व्यक्ति अगर मंदिर में प्रवेश करता है तो उसको जिला प्रशासन द्वारा दी गई गाइड लाइन के मुताबिक ही चलना होगा।

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आज सुबह चम्बा के ऐतिहासिक भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर में पहुंचे श्रद्धालु जिनकी संख्या तो बहुत ही कम थी पर महीनों से भगवान के दर्शनों से वंचित हो चुके सभी लोगो ने जिला प्रशासन के आदेशों का पालन करते हुए दिल खोलकर भगवान के दर्शन करते हुए अपने आप को निहाल किया। दसवीं शताब्दी में बना यह भगवान लक्ष्मी नारायण का ऐतिहासिक मंदिर है जिसे चम्बा के राजा ने एक हज़ार वर्ष पहले बनवाया था। इतिहास के पन्नों में दर्ज इस मंदिर की प्राचीनता और इसके इतिहास को देखने अपने देश के ही नहीं अपितू सात समुन्दर पार के लोग भी इस मंदिर को देखने यंहा आते है। पर पिछले छ महीनो से कोरोना का प्रकोप ऐसा पड़ा कि लोग भगवान के दर्शन तक करने से वंचित हो गए थे। पर आज सरकार के आदेश के बाद मंदिर के कपाट खोल दिए गए है।

पर वंहा गिने चुने लोग ही भगवान के दर्शनों को पहुंचे थे।वही जब मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं से जब बातचीत की गई तो उन्होंने मंदिर के इतिहास के बारे में बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि कभी इस मंदिर के कपाट बंद हुए हो। उन्होंने मंदिर खोले जाने पर जंहा प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया वंही अपने चम्बा के लोगों से अपील की है कि सरकार की आदेश और जिला प्रशासन की गाइड लाइन को फॉलो करते हुए उसका ठीक से पालन करे। वंही उन्होंने भगवान के प्रति अपनी आस्था को बनाये रखने की उम्मीद की है उन्होंने कहा कि अब जबकि भगवान के द्वार खुल चुके है तो फैली यह महामारी भी अब समाप्त हो जायेगी।

कोरोना काल के दौरान इस ऐतिहासिक मंदिर में पुजारी पिछले छ महीने से अपने नित नियम और भगवान की सेवा को ठीक उसी तरह से निभा रहे थे जैसे वह पहले किया करते थे।मंदिर के पुजारी ने बताया कि करीब साढ़े 6, महीनों से बन्द पड़े मंदिरो के कपाट को आज खोल दिया गया है। पर एतिहात के तौर पर जिला प्रशासन ने कोरोना से निपटने जो गाईड लाईन दी है उसको ठीक उसी ढंग से अपनाया जा रहा है जैसा की जिला प्रशासन ने हम लोगों को आदेश किये हुए है। उन्होंने बताया कि क्रोना के समय मंदिर में श्रद्धालुओं का आना वर्जित था तो भग्त लोग बाहर से ही थोड़े बहुत दर्शन कर चले जाया करते थे। मंदिर में श्रद्धालुओं की कम संख्या क्यों है तो इसके बारे बताया कि अभी तो कई लोगों को यह भी पता नहीं है कि मंदिर खुल चुके है,पर जैसे जैसे लोगों को मंदिरों के खुलने का पता चलेगा लोगों का आना भी ज्यादा हो जायेगा।

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