हिमाचल के मंदिरों को खोलने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने एसओपी जारी की !

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शिमला ! हिमाचल के मंदिरों को खोलने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। मंदिरों में तो जाएंगे, मगर श्रद्धालु मूर्तियों और धार्मिक पुस्तकों को और घंटियों को नहीं छू सकेंगे। अन्य धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों, मस्जिदों में भी किताबें नहीं छुई जा सकेंगी। पुजारी को भी नहीं छू सकेंगे। मंदिरों में लाइन लगने की स्थिति में 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, 10 साल से कम आयु के बच्चे और महिलाओं को न आने के लिए कहा गया है। मंदिर में हवन और मुंडन नहीं होगा।

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मूर्तियों के आगे एक मिनट से अधिक श्रद्धालु खड़े नहीं हो पाएंगे। प्रसाद नहीं बांटा जाएगा। श्रद्धालुओं को अपने जूते वाहनों में खोलकर रखने होंगे। धार्मिक स्थलों में भीड़ जमा नहीं होगी और समूह में प्रार्थना पर रोक रहेगी। मंदिरों में घंटियों को कपड़ा बांधकर रखना होगा या हटाना होगा। हिमाचल के धार्मिक स्थलों के लिए सरकार ने शनिवार को दिशा-निर्देश जारी कर दिए। 10 सितंबर से खुलने वाले धार्मिक स्थलों को इन एसओपी का सख्ती से पालन करना होगा।

धार्मिक स्थलों में अंदर और बाहर आने को अलग रास्ते रहेंगे। प्रवेश से पहले हाथ और पांव पानी और साबुन से धोने होंगे। शनिवार को राज्य के भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने धार्मिक स्थलों को लेकर सरकार के दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें तय हुआ कि इनका सख्ती से पालन करते हुए धार्मिक स्थलों को खोला जा सकेगा। इन धार्मिक स्थलों में कोविड-19 से बचाव के लिए जागरूक करते हुए पोस्टर लगाने होंगे।

धार्मिक स्थलों के परिसर में दर्शन के लिए सामाजिक दूरी बनाकर कतार लगानी होगी और प्रवेश के समय छह फीट की दूरी बनाकर रखा जरूरी है। धार्मिक स्थलों में रिकार्ड किए भजन, संगीत और गीत लगाए जा सकते हैं, परंतु समूहगान पर रोक रहेगी। धार्मिक स्थलों में एक दूसरे को छूकर बधाई नहीं दी जा सकेगी। पूजा-अर्चना के लिए साझे मैट के इस्तेमाल नहीं हो सकेंगे।

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