लाहौल ! जनजातीय लाहौल में अधिकांश स्कूलों में एक एक शिक्षक ही तैनात किया गया है जो स्कूल को चला रहा है।लाहौल में टी जी टी के 44 पद खाली पड़े है और अविभावक परेशान है व जो अध्यापक पोस्ट होते हैं राजनेताओं की सिफारिश पर यहां से अपना तबादला कुल्लू करा लेते है। लाहौल स्पीति में अध्यापक नौकरी करने के लिए राजी नहीं हैं।इसका असर यहां पर शिक्षा की गुणवत्ता पर तो पड़ रहा है साथ ही लाहौल के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे दूसरे इलाकों के छात्रों से पिछड़ रहे है।
कुछ स्कूलों में 2014 से टी जी टी की पद खाली पड़े है! शारीरिक शिक्षा अध्यापकों के स्वीकृत 37 में से 23 पद खाली हैं। स्कूल में अध्यापक की कमी से अभिभावक परेशान हो कर अपने बच्चो को बाहर भेजने की तैयारी कर रहे हैं। घाटी में नालडा,गोहरमा,जसरथ सहित कई स्कूलों में एक एक अध्यापक है । सरकार ने हर दो से तीन किलोमीटर में स्कूल तो अपग्रेड तो कर दिया है लेकिन यहां नियमित रूप से अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है ।