बद्दी ! ट्रक यूनियन नालागढ़ व बीबीेएनआईए में उपजा विवाद दुभार्गयपूर्ण है। बीबीएनआईए वर्तमान में लोगों की गले की फांस बनी हुई है। ट्रक संचालक कृष्ण कौशल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि ट्रक यूनियन हमेशा उद्योग संघ के कंधे से कंधा मिला कर काम करती रही।
पिछले लंबे समय से ट्रक यूनियन ने किसी प्रकार का भाड़ा नहीं बढाया। ट्रक यूनियन व उद्योग संघ के बीच एमओयू साईन हुआ है जिसके तहत अगर डीजल के एक रुपये दाम बढ़ते है तो यूनियन मात्र 35 पैैस प्रति किमी भाड़ा बढ़ाती है और अगर यही दाम कम होते है तो यूनियन को एमओयू के मुताबिक भाड़ा कम करना होता है। ट्रक यूनियन का हमेेशा यह ध्यान रखती है कि दोनों पक्षों का काम सही ढंग से चले। अगर उद्योगों में काम बढ़ेगा तभी ट्रकों को काम मिलेगा। इसी आधार पर पिछले वर्ष यूनियन ने लोकल में दो रूपये, 7 सौ किमी तक 7 फीसदी व सात सौ अधिक किमी पर दूर के लिए भाड़ा में 12 फीसदी की छूट उद्योग संघ को दी थी। लेकिन अब जब न काम ही मिल रहा है और तेल के रेट काफी बढ़ गए है। रखरखाव पर भी खर्चा अधिक हो गया है। इंश्योंरेंस भी कई गुणा रेट बढ़ गए है। ऐसे में यूयिन ने अपने रेट नहीं बढाए केवल छूट की कम की है तो भी उद्योग संघ को रास नहीं आ रहा है। जहां तक उद्योग का सवाल है केंद्र व प्रदेश सरकार से कई बार इन्हें उद्योग चलाने के लिए टेक्सों में निजात दिलाई है। उसके बावजदू भी उद्योग संघ जनता व सरकार के गले की फांस बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि ट्रक यूनियन क्षेत्र की रोजी रोटी का मसला है। इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है। यूनियन उद्योग संघ से यह सवाल पूछती है कि अगर किसी कच्चे माल की कीमतों में बढौतरी होती है तो क्या वह उद्योग बंद कर देते है।