चम्बा ! प्रदेश व जिला के दुर्गम व पहाड़ी क्षेत्रों की पाठशालाओं में रिक्त पड़े पदों पर स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) द्वारा तैनात शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाने के सरकारी आदेशों की स्कूल प्रबंधन समिति गरोला अध्यक्ष ने कड़ी निंदा की है।
समिति अध्यक्ष चमन सिंह ने बताया कि पिछले आठ सालों से विभिन्न दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने के बाद उनका भविषय आज भी सुरक्षित नहीं है।
प्रदेश आरंभिक शिक्षा निदेशालय ने खाली पड़े पदों पर और जिन पदों एसएमसी शिक्षक काम कर रहे हैं, उन पदों को मिलाकर शास्त्री अध्यापकों के 1182 और भाषा अध्यापकों के 625 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के पत्र जिला उपनिदेशकों को जारी कर दिए हैं। इन सभी शिक्षक नेताओं ने सरकार से आग्रह किया है कि वह सालों से कार्यरत शिक्षकों के भविष्य के साथ इस तरह से खिलवाड़ न करे।
नेताओं ने सरकार को याद दिलाया कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी एसएमसी शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण करने का वादा किया था, मगर अपने घोषणापत्र का वादा भूल कर आठ सालों से विपरीत परिस्थितियों में कम वेतन और सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूर्ण होने के बावजूद इनकी जगह पर नए शिक्षक लगाने के पत्र जारी किए गए हैं।