शिमला ! हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. सुरेश सोनी ने कहा कि बोर्ड को अभी तक 12 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। इसके अलावा हिमाचल का बोर्ड देश का पहला ऐसा बोर्ड बन गया है, जिसने कोरोना संकट के बीच सारी औपचारिकताएं पूरी कर रिजल्ट घोषित कर दिया। ऐसे में देश के अन्य राज्यों के शिक्षा बोर्ड भी हिमाचल की बोर्ड का फार्मूला अपना कर रिजल्ट तैयार करने की तकनीक अपना रहे हैं, जो कि प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. सुरेश सोनी ने रविवार को शिमला में प्रदेश के नए शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर से मुलाकात कर बोर्ड की गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि जबसे उन्होंने बोर्ड की कमान संभाली है, तबसे लेकर आजतक बोर्ड ने कई ऊंचाइयों को छुआ है। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अभी तक 12 करोड़ का मुनाफा कमाया है। चेयरमैन ने बताया कि पौधारोपण अभियान, जिसमें मुख्यमंत्री हरित विद्यालय अभियान के तहत 16050 पौधे लगाए गए हैं, जबकि जल शक्ति अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में वाटर कंजरवेशन, रेन वाटर स्टोर करने को लेकर चर्चा हुई।
उन्होंने मंत्री को बताया कि हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड ऐसा बोर्ड बन गया है, पूरे भारत वर्ष में जिसने पूरी औपचारिकताएं पूरी करते हुए बोर्ड के रिजल्ट सबसे पहले दिए हैं।
बोर्ड के चैयरमैन डा. सुरेश सोनी ने कहा कि बोर्ड ने आमदनी के लिए किताबों को स्वयं मुद्रित करवाई, जिसमें शारीरिक शिक्षा, कम्प्यूटर साइंस व पै्रक्टिकल की किताबें मुद्रित करवाई गईं, जो कि बहुत कम रेट पर प्रिंट हुईं। जो किताबें खरीदी गईं, उनमें भी काफी कम रेट से लिया गया। ऐसे में बोर्ड ने अपने अन्य कई बेकार के खर्चे भी कम कर बोर्ड के मुनाफे में बढ़ोतरी की है।