चम्बा ! होमगार्ड जवानों के लिए स्थाई नीति न बनाए जाने पर ऑल इंडिया होमगार्ड कल्याण संघ ने गहरा रोष जताया है। ऑल इंडिया होमगार्ड कल्याण संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता जोगिंद्र सिंह चौहडिय़ा ने कहा कि वर्ष 1946 से लेकर अबतक की अवधि में दोनों विश्व युद्धों में अपनी जान तक न्योछावर कर देने वाले, देश की आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, चुनावी जिम्मेवारी, आपातकाल जिम्मेवारी को अपने साथी कर्मचारियों से तीन गुना कम तनख्वाह, सुख सुविधाओं के अभाव में, अपनी परिवारिक खुशियों का त्याग करके, विकट से विकट परिस्थिति में देश के लिए गोली तक खाने वाले होमगार्ड जवानों के लिए आजतक कोई स्थाई नीति निर्धारण नहीं होने से होमगार्ड जवानों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है।
विभाग में वर्षों वर्षों तक सेवाएं देने के बाद होमगार्ड जवान खाली हाथ सेवानिवृत कर दिए जाते हैं। जिससे कि बुढ़ापे में होमगार्ड जवानों को पाई पाई के लिए तरसना पड़ता है। चौहडिय़ा ने कहा कि देश सेवा को पूर्ण ईमानदारी से व डयूटी पर मुस्तैद होते हुए बड़े से बड़े अपराधी को पकडऩे वाले होमगार्ड जवानों के हित की आवाज बुलंद करने कोई आगे नहीं आ रहा।