चम्बा ! केंद्र व राज्य सरकार ने महगाई को रोकने में असमर्थ है। पूरे देश में जहां कोरोना संकट के कारण लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं,वही केंद्र सरकार ने पेट्रोल तथा डीजल के दाम आसमान पर चढ़ा दिए।
पेट्रोल तथा डीजल का आंकड़ा 80 रुपए प्रति लीटर से भी बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव रमेश रॉव ने जारी ब्यान में बताया कि जो इतिहास में पहली बार इस निक्कमी सरकार के शासन में देखने को मिल रहा हैं। इसका असर मुख्य रूप से खाने-पीने की वस्तुओं सब्जी, राशन और रोजमर्रा की सभी जरूरत मंद सभी चीजों पर पड़ रहा हैं।
अन्य क्षेत्रों में महंगाई का कारण है जो आने वाले दिनों के लिए देश की जनता लिए चिंता का विषय बनेगा। सरकार को जनता की कोई भी चिंता नहीं हैं। एक तो पहले ही मंहगाई आसमान छू रही हैं, रही कसर डीज़ल के रेट बढ़ाकर पूरी कर दी। सवाल केंद्र सरकार की एडवाइजरी पर उठता हैं क्या सरकार के सलाकार सोए हुए हैं।
जब तेल की कीमतें अंतरष्ट्रीय स्तर बहुत ही निचले स्तर हैं फिर नही जनता की ज़ेब से पैसा लूटा जा रहा हैं। सरकार के नुमाइंदों को मालूम होते हुए भी आंखे बंद कर मुल्य बढ़ाए जा रहे हैं। जबकि उन्हें मालूम है कि डीज़ल के रेट जैसे ही बढ़ते हैं उसका सीधा असर मॉल भाड़े पर पड़ता हैं। जिससे महंगाई बढ़ती हैं।
केंद्र सरकार 5 किलो राशन चावल या गेहूं एक माह में देकर एहसान नहीं कर रही बल्कि जलील कर रही है। गरीब व मजबूर जनता को सरकार को चाहिए कि व 20 किलो चावल और 15 किलो गेहूं हर परिवार को मिले।