मण्डी करसोग उपमण्डल का गांव तेबन प्राचीन काल से ही आकर्षण व तीर्थाट का केन्द्र ।

0
3714
- विज्ञापन (Article Top Ad) -

हिमाचल प्रदेश जिला मण्डी करसोग उपमण्डल का गांव तेबन प्राचीन काल से ही आकर्षण व तीर्थाट का केन्द्र रहा है। यहां के प्राकृतिक सुंदर दृश्यों, लोक जीवन के भिन्न-भिन्न रूपों को देख देव कृपा से यहां के परिभ्रमण व तेबनी महादेव जी के आशीर्वाद लेने दूर-दूर से श्रद्धालु आते है। यह गांव तहसील करसोग से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव तेबन खुद मे ही एक खुशहाल गांव है।

- विज्ञापन (Article inline Ad) -

करसोग-रामपुर राजमार्ग पर स्थित कोटलु गांव से तेबन पहुंचने के लिए वाहन योग्य मार्ग बना है। तेबन व शाला की खूबसूरत पहाड़ी के आंचल में बसे तेबन गांव में बारह महीने नैसर्गिक आनंद प्राप्त होता है।

तेबनी महादेव के पुराने मन्दिर को समूचे जिले में अव्वल भी आंका गया है । मन्दिर और गांव सम्बंधी सभी जानकारियां मन्दिर में सूचना पट्ट के रूप में लगाई गई है लेकिन यह मात्र सूचना बनकर ही दीवार ओर तंगी रह गई है । धार्मिक स्थलों समेत पर्यटन स्थलों को संवारने की आवश्यकता

चवासी क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता एवं धार्मिक कृत्यों के लिए सुप्रसिद्ध हैं । पर्यटन की दृष्टि से भी चवासी क्षेत्र की एक अलग पहचान है । लेकिन तेबन जैसे कई धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल सरकार के नकारात्मक रवैये से अपने अस्तित्व के बचाव के लिए तरस रहे हैं । सरकार को चाहिए कि प्रयर्टन की दृष्टि और पारम्परिक धरोहरों के संरक्षण के मकसद से ऐसे स्थलों को और अधिक सुंदर बनाने के लिए प्रयास किये जायें ।

सामने जिला शिमला , कुल्लू की सीमाएं व बहती सतलुज नदी इस गांव की शोभा मे चार चांद लगा देती है। यहां की वास्तु व शिल्पकला में न केवल अनाम शिल्पी की प्रतिभा के दर्शन होते हैं अपितु यहां आकर धर्म, दर्शन व धार्मिक ऊर्जा का भी प्रत्यक्ष अनुभव होता है। गांव मे महादेव जी का मंदिर है। तेबनी महादेव जी के इस मंदिर मे एक भेखड से बना विशाल ढोल भी है व माँ दुर्गा मंदिर भी है। मंदिर मे हर साजे के दिन हजारों श्रद्धालु श्रद्धा भाव से आकर पुजा अर्चना कर मंदिर के दर्शन करने आते है। मंदिर के पुजारी सुबह शाम मंदिर की पुजा करते है। देव कमेटी प्रधान , कारदार , पुजारी , चौकीदार , मैहते व गांव वाले समय – समय पर मंदिर परिसर की शोभा बढाने के प्रयास मे कभी कोई निर्माण कार्य तो कभी स्वच्छता अभियान चलाए रखती है। इस तरह का समन्वय सभी गांव वासियों का भोलेपन दर्शाता है । महादेव जी तेबन गांव मे होने वाली दीवाली , अशला के जागरे व पेकवाधार की शन्चा मेले मे पुरे साज बाज के साथ जाकर मेलों की शोभा को और अधिक कर देते है।

इन सभी पारम्परिक गतिविधियों को मध्य नजर रखते हुए कहा जा सकता है कि मेरा गांव एक खुशहाल गांव है व लोगों का तालमेल उनके भोलेपन का प्रतीक है।

- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

पिछला लेखऊना । वीरेंद्र कंवर ने दिए तेई-चपलाह राजपुरा सड़क 6 माह में बनाने के निर्देश ।
अगला लेखशिमला ! भारी भरकम बिजली,पानी,कूड़े के बिलों व प्रॉपर्टी टैक्स का कड़ा विरोध – नागरिक सभा !