लाहौल घाटी में अक्सर अॉक्सीजन की कमी,कम तापमान और बहुत ठंडे वातावरण को कम समय में अनुकूल बनाने के लिये सैनिकों यह दवा देश की ऊंचाई वाले सीमावर्ती इलाकों मे डियूटी देने वाले भारतीय सेना के जवानों को होने वाली समस्याओं से लाहौल घाटी के छरमा निजात दिलाएगा। इस कार्य के लिये रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ)छरमा( सीबकर्थोन) की दवा बनाने मे जुट गया है। हालांकि यह रिर्सच पिछले करीब डेढ दशक से चल रही है, लेकिन पहले चरण मे दवा के फ्री क्लीनिक रिर्सच का काम पूरी हो गया है। छरमा की दवाई से फौजियों को हाई अल्टीटयूड मे होने वाली ऑक्सीजन ,और कम तापमान वातावरण को कम समय मे अनुकूल बनाने मे मदद करेगा।हालांकि छरमा से कोरोना की दवा बनाने का दावा भी किया है! जिस को लेकर सीबकर्थोन एसोसिएशन ऑफ इडिंया आईआईटी रूडकी व मंडी सहित सात संस्थानों के साथ मिलकर बूस्टर दवा बनाने जा रही है।
लाहौल ! बर्फीले क्षेत्रों मे तैनात सैनिकों के लिए लाहौल घाटी के छरमा से बनेगी दवा !
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