बद्दी ! जोगिंद्रा बैंक के मनोनीत सदस्यों से इस्तीफा दे चुके दो निदेशकों ने जड़े गंभीर आरोप !

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बद्दी ! जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक की पिछले दिनों 11 जून को हुई तथाकथित बैठक पूरी तरह से गैर कानूनी है। बैंक के निदेशक मंडल के चुने हुए 6 सदस्यों में से पांच और दो मनोनीत सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। अल्पमत वाले निदेशक मंडल की बैठक कैसे जो सकती है। यह सरासर गैरकानूनी है। मौजूदा अध्यक्ष संवैधानिक परंपराओं को दरकिनार करके अपनी मनमर्जी पर उतर आए हैं। यह आरोप लगाए हैं जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे चुके राज कुमार नेगी और संजीव कौशल ने।

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उन्होंने कहा कि बैंक के वर्तमान अध्यक्ष ने पिछले अढाई साल में अपनी मनमर्जी से फैसले लिए हैं। पिछले दिनों हुई तथाकथित बैठक में बैंक अध्यक्ष से स्वयं को सभी उचित तथा अनुचित फैसले लेने के लिए अधिकृत कर लिया है। इसके साथ-साथ अध्यक्ष ने चार नए निदेशकों का चुनाव भी स्वयं ही कर लिया है। बैंक को निजी पारिवारिक संपत्ति समझ कर अध्यक्ष फैसले ले रहे हैं। जबकि बैंक के निदेशक मंडल की चुनाव प्रक्रिया 15 जून से शुरु हो चुकी है जबकि 15 सितंबर तक नए निदेशक मंडल का गठन होगा। नेगी ने बैंक के वर्तमान अध्यक्ष से पूछा कि उन्हें नए निदेशक चुनने का अधिकार किसने दिया? किसी संविधान में ऐसा नहीं है। निदेशक मंडल के सुझावों को दरकिनार किया गया। इसके साथ-साथ बैंक के कर्मचारी भी अध्यक्ष के रवैये से खासे रुष्ठ हैं।

बैंक कर्मियों की पिछले अढाई साल से कोई पदोन्नति नहीं हुई। दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को समयावधि पूरी करने के बावजूद नियमित नहीं किया गया। कोविड-19 के चलते अध्यक्ष ने सेवा विस्तार के लिए निदेशक मंडल से हस्ताक्षर करवाने की मांग पर सभी 7 निदेशकों ने अपने त्यागपत्र दे दिए थे। उन्होंने कहा कि बैंक अध्यक्ष के द्वारा लिए गए समस्त निर्णयों के फैसलों की जांच होनी चाहिए। अगर वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में लिए गए फैसलों और कामों की निष्पक्षता से जांच होती है तो काफी अनियमितताएं सामने आएंगी।

बैंक अध्यक्ष वन मैन आर्मी के तरीके से अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे है। बैंक के निवर्तमान निदेशक संजीव कौशल और राज कुमार नेगी ने कहा कि बैंक अध्यक्ष द्वारा किसी भी बैंक द्वारा डिफाल्टर को निदेशक मंडल में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि बैंक अध्यक्ष की दादागिरी नहीं चलने दी जाएगी। उन्होंने सरकार ने मांग की है कि बैंक बोर्ड को भंग करके एक प्रशासक नियुक्त किया जाए।

सभी आरोप निराधार-विजय ठाकुर

इस संदर्भ में बैंक के अध्यक्ष विजय ठाकुर ने कहा कि बैंक संविधान व नीति नियमों के अनुसार बिल्कुल ठीक व सही काम कर रहा है। बैंक से इस्तीफा दे चुके दो पूर्व निदेशकों के समस्त आरोप राजनीति से प्रेरित व आधारहीन है। उन्होने कहा कि बैंक दिन प्रतिदिन नई ऊंचाईयों को छु रहा है और किसी भी चीज में कोई गडबडी नहीं है बल्कि कुछ लोग चाहते ही नहीं कि बैंक तरक्की करे और हर काम में अडंगा अडाना इनकी फितरत है। एक दो दिन में नए चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी और आचार संहिता लग जाएगी। हम हर काम पारदर्शिता से करते हैं।

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