रामपुर बुशहर। राजधानी शिमला जिला के रामपुर में शिक्षिका की आत्महत्या मामले में बुधवार को लोगों ने थाने का घेराव किया। रामपुर में बीते सप्ताह एक शिक्षिका द्वारा आत्महत्या मामले को लेकर पुलिस कार्रवाई से लोग खासे नाराज है। हत्या के बाद साक्ष्य जुटाने व् हत्या के लिए उकसाने वालो को बचाने में पुलिस की लापरवाही का आरोप लगाया है। इस दौरान लोगों ने एसडीएम रामपुर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा और उसके बाद लोगों ने बाजार में कैंडल मार्च निकाला।
बुधवार को लोगों ने रामपुर थाने का घेराव किया और इस दौरान लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उसके बाद एसडीएम के माध्यम से राजयपाल को ज्ञापन भेज न्याय की मांग की। ज्ञापन के बाद रामपुर बाजार में केंडल मार्च भी निकाला गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बीते 9 जून को रामपुर बाजार में एक शिक्षिका को ससुराल के लोग द्वारा आत्महत्या के लिए मज़बूर किया गया। उसकी मौत के बाद सबूतों से भी छेड़छाड़ की गई। उनका आरोप था की पुलिस ने सबूत जुटाने में देरी की। आरोप लगाया है कि आत्महत्या करने वाली शिक्षिका ने प्रताड़ित करने वालों का भी ब्यौरा दिया था। बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। उन्होंने कहा इस मामले में पुलिस आत्महत्या मज़बूर करने वालों को बचाने का प्रयास कर रही है।
बाहली पंचायत प्रधान वीरेंद्र भलुनी ने बताया कि लड़की को इतना टार्चर किया गया जिस से उसे आत्महत्या के लिए मज़बूर किया गया। उन्होंने कहा आगे भी पुलिस साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकती है। आत्महत्या करने वालों की बहन कीर्ति ने बताया कि उसकी बहन इतनी कमजोर नहीं थी। लेकिन ससुराल पक्ष के कुछ लोगों ने इतना प्रताड़ित किया कि वह आत्महत्या के लिए मज़बूर हुई। पुलिस भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही।
नीना शर्मा ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षिका का सुसाइड नोट बताता है कि उसे हत्या के लिए मज़बूर किया गया। पुलिस ने हत्या के लिए मज़बूर करने वालो के सबूत मिटाने और फरार होने का पूरा मौक़ा दिया।