चम्बा ! चाइल्डलाइन चंबा ने कामगारों संग मिल के मनाया अंतर्राष्ट्रीय बाल मजदूरी निषेध दिवस।

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चम्बा ! चंबा में बसों के चलने के बाद लोगों की आवाजाही बढ़ गई है। ऐसे में कोरोना संकमण का खतरा बढ़ गया है। बस स्टैंड में लोगों को सस्ते कपड़े के मास्क दिए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने स्वंय सहायता समूह को मास्क बेचने की अनुमति दी गई है।

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बस स्टैंड में बीस रुपये में कपड़े का बढ़िया मास्क दिया जा रहा है। शुक्रवार को स्वंय सहायता समूह ने करीब 120 मास्क बांटे। बस स्टैंड में लोगों को लाउडस्पीकर के माध्यम से भी लोगों को कोरोना से बचने की जानकारी दी जा रही है।

अंतर्राष्ट्रीय बाल मजदूरी निषेध दिवस 12 जून 2020 को चाइल्डलाइन चंबा द्वारा मोहल्ला सुल्तानपुर में राजकीय महाविद्यालय परिसर में साइंस ब्लॉक के निर्माण कार्य में जुटे कामगारों के साथ मनाया गया। इस दौरान चाइल्डलाइन समन्वय कपिल टीम मेंबर विकी व स्वयंसेवी किशन चंद सहित 35 कामगार का वह उनके बच्चे मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान निर्माण कार्य में जुटे पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड के कामगारों को बाल-मजदूरी की बुराई के संबंध में प्रकाश डालते हुए बताया गया कि 14 वर्ष आयु तक के बच्चों से किसी भी प्रकार की मजदूरी का कार्य करवाना कानूनन अपराध है. ऐसे बच्चों को किसी भी घर, दुकान, फैक्ट्री या अन्य जगह पर मजदूरी के लिए नहीं रखा जा सकता।

इसके साथ-साथ बाल-मजदूरी संशोधन अधिनियम 2016-17 पर प्रकाश डालते हुए यह बताया गया कि 1986 के बाल मजदूरी अधिनियम में संशोधन करते हुए जहां 14 साल तक आयु वर्ग के बच्चों हेतु बाल मजदूरी को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया है वहीं 14 वर्ष से ऊपर वह अट्ठारह 18 वर्ष की आयु से कम किशोरों हेतु मजदूरी के लिए कुछ विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं।

जिसके अंतर्गत उन्हें किसी भी ऐसी जगह पर कार्य करने के लिए नहीं कहा जा सकता जहां पर उन उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे या उनकी जान को जोखिम हो. ऐसे बच्चों को रसायन के कारखानों, ईंट के भट्टों, लोहे के कार्य, भवन निर्माण के कार्य तथा भारी मशीनरी के कार्यों सहित कहीं ढाबा या घरों में ऐसा काम नहीं लिया जा सकता जिससे बच्चा हीन भावना महसूस करे।

इसके साथ-साथ ऐसे बच्चों हेतु दिन में केवल 4 घंटे से अधिक कार्य नहीं करवाया जा सकता तथा इस बीच में उन्हें आधे घंटे के विश्राम की भी व्यवस्था साथ ही साथ ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाना अति आवश्यक है।

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