शिमला । आठ जून से हिमाचल प्रदेश में भी मंदिरों के कपाट खुल जाएंगे। बेशक लोग भगवान के दर्शनों को जा सकेंगे, मगर उन्हें कई नियमों की भी अनुपालना करनी होगी। नियमों को कड़ाई से लागू किया जाएगा, जिसे लेकर एक गाइडलाइन तैयार की गई है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों में लोगों को उचित दूरी बनाए रखनी होगी। श्रद्धालुओं के बीच छह फुट की दूरी होनी जरूरी होगी, अन्यथा लोग दर्शनों से वंचित रह सकते हैं।
इस दौरान मंदिर में लंगर का आयोजन भी नहीं होगा और श्रद्धालुओं को मूर्ति छूने की इजाजत भी नहीं होगी। हिमाचल, क्योंकि देवभूमि है, लिहाजा यहां के लोग जल्द से जल्द मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पिछले नवरात्रों के दौरान भी लोग मंदिरों में नहीं जा सके, जिसका उन्हें मलाल है। अब जैसे ही मंदिर खुलेंगे, तो लोग वहां पहुंचने लगेंगे, लेकिन उनको उचित दूरी बनाए रखनी होगी। इतना ही नहीं, सबसे अहम बात यह है कि लोगों को मंदिरों में न तो प्रसाद मिलेगा और न ही चरणामृत का ही छिड़काव किया जाएगा।
इसके अलावा सरकार ने साफ किया है कि 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग मंदिरों में न आएं, वहीं गर्भवती महिलाओं को भी ऐसी परिस्थितियों में मंदिर आने से इनकार किया गया है। मंदिरों में प्रवेश करने व बाहर निकलने के लिए भी दो रास्तों का इस्तेमाल किया जाएगा। पहले ऐसा होता आया है कि जिस रास्ते से भीतर जाते हैं, वहीं से बाहर निकलते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। श्रद्धालुओं को दूसरे रास्ते से बाहर निकलना होगा। मंदिरों में प्रवेश के लिए भी फेस मास्क पहनना जरूरी है। बिना फेस मास्क के कोई भी मंदिरों में नहीं आ सकता है। मंदिर परिसरों व आसपास में थूकने पर पूरी तरह से बैन रहेगा, वहीं लोगों को आरोग्य सेतू ऐप से जुड़े रहने को कहा गया है।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा एंट्री पर सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है, वहीं थर्मल स्क्रीनिंग भी करवाई जाएगी। लोगों को अपने जूते वाहन में ही रखकर आने होंगे या अलग से बाहर व्यवस्था होगी। एक दूसरे को छूने को पूरी तरह से इनकार किया गया है।