शिमला ! प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई – सुरेश भारद्वाज !

0
1944
फाइल चित्र
- विज्ञापन (Article Top Ad) -

शिमला ! जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर तथा शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला में कहा कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है। यह आज माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है। विपक्ष द्वारा इस मामले को व्यर्थ में उछाला जा रहा है। इस मामले में विपक्ष के आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन व निराधार है।

- विज्ञापन (Article inline Ad) -

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 1200 पटवारी भर्ती करने का निर्णय लिया था, जिसके लिए प्रदेशभर से लगभग 3, 00, 000 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। 17 नवंबर 2019 को इस भर्ती की लिखित परीक्षा प्रदेश के विभिन्न उपायुक्तों के माध्यम से जिलों के विभिन्न केंद्रों में ली गई।

इस भर्ती को कुछ व्यक्तियों ने हिमाचल प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी व भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया तथा अधिवक्ता के माध्यम से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस याचिका का विस्तृत जवाब दाखिल किया है, जिसमें स्पष्ट कहा है कि इस भर्ती में कोई भी व किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई है तथा इस याचिका को चुनौती देने वालों में से एक अभ्यर्थी तो परीक्षा में भी उपस्थित नहीं हुआ था।

महेन्द्र सिंह ठाकुर और सुरेश भारद्वाज ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने 8 जनवरी 2020 को इस पटवारी भर्ती मामले की जांच सीबीआई को करने के लिए कहा। सीबीआई ने गहन जांच पड़ताल करने के बाद अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट, प्रदेश उच्च न्यायालय को प्रस्तुत की।

सीबीआई ने 29 मई 2020 को माननीय उच्च न्यायालय में बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी। 2 जून 2020 को माननीय उच्च न्यायालय ने सीबीआई की विस्तृत जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया, व यह स्पष्ट पाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस पटवारी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता नहीं की थी और इस पटवारी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि जब माननीय उच्च न्यायालय पटवारी भर्ती की जांच करवाने के निर्देश दिए तो प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया था कि इस पटवारी भर्ती की जांच प्रदेश व देश की किसी भी जांच एजेंसी से करवाने के लिए तैयार है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस पटवारी भर्ती में पारदर्शिता का पालन किया है। प्रदेश की वर्तमान सरकार भर्ती व अन्य सभी मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है।

सीबीआई की रिपोर्ट व हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बरती गई थी और किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं हुई थी।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2019 में आयोजित हुई पटवारी भर्ती की लिखित परीक्षा के मामले सरकार को राहत मिली है। मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट का यह फैसला सीबीआई द्वारा कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि लिखित परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है।

- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

पिछला लेखमंडी! 04 जून 2020 के फल और सब्जियों के दाम !
अगला लेखकोरोना रोकथाम में नियुक्त कर्मचारियों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि की अनुमति !
[vc_row el_class="td-ss-row"][vc_column width="2/3"]

चम्बा ! जयराम ने रूकवाई महिला सम्मान निधी ! “करतार सिंह...

चम्बा ! 25 अप्रैल , ! पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश की जनता के हितैषी नहीं हैं। इसलिए चुनावी जनसभाओं मे अनाप शनाप...
[/vc_column][/vc_row]