चम्बा ! कोरोना की बजह से पर्यटन कारोबार पूर्ण रूप से ठप्प।

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चम्बा ! कोरोना वायरस रूपी वैश्विक महामारी से हिमाचल प्रदेश में पर्यटन कारोबार पूर्ण रूप से ठप्प होकर रह गया है। इसका असर पर्यटन कारोबार पर अगले दो वर्षों तक रहेगा। लिहाजा प्रदेश सरकार को पर्यटन व्यवसाय से जड़े लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। यह बात चम्बा होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष नागेश कुमार ने शनिवार को होटल अरोमा पैलेस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 3350 होटल, 1656 होम स्टे, 1314 गाइड्स, 2912  ट्रेवल एजेंसी, 222 एडवेंचर स्पोर्ट्स ऑपरेटर और 899 पर्यटन फोटोग्राफर्स हैं।
जिन पर हज़ारों लोगों का  रोज़गार जुड़ा है और इन सभी का भविष्य खतरे में है। यदि हिमाचल में पर्यटन व्यवसाय समाप्त होता है तो इसका सीधा लाभ अन्य प्रदेशों को मिलेगा और हिमाचल के पर्यटन व्यवसायियों की रोजी-रोटी छिन जाएगी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पर्यटन व्यवसाय को 3000 करोड़ का रिलीफ पैकेज दिया जाए। साथ ही जब भी राज्य सरकार होटल खोलने का निर्णय करती है तो होटल ऑपरेटर्स को पूर्णतः नियमों का पालन करने के लिए उपयुक्त दिशानिर्देश दिए जाएं। सभी होटल ऑपरेटर, टैक्सी ऑपरेटर और पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी अन्य संस्थाए जिन्होंने बैंकों से व्यावसायिक ऋण लिए हैं, उनके 31 मार्च 2021 तक के सभी ऋणों पर ईएमआई माफ करवाई जाए।
होटल व्यवसायियों को आसान दरों पर कार्यकारी ऋण 6 से 7 प्रतिशत ब्याज दरों पर उपलब्ध करवाया जाए। आगामी जुलाई 2021 तक सभी होटल ऑपरेटरों से बिजली दर घरेलू कनेक्शन के तौर पर वसूली जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने होटल व्यवसायियों और उनके समस्त स्टाफ का कोरोना वारियर बीमा करवाने की मांग भी की। उन्होंने सरकार से प्रदेश में लागू लॉकडाउन के चलते पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की मांग भी उठाई ताकि आने वाले समय में स्थानीय लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। इस मौके पर नरेन्द्र ठाकुर, कृष्ण महाजन सहित कई अन्य मौजूद रहे।
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