चम्बा ! स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए !

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चम्बा ! चंबा कांगेस कमेटी के जिला अध्यक्ष श्री नीरज नैय्यर व कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री करतार सिंह ठाकुर और कांग्रेस पार्टी के कुछ एक पदाधिकारीयों व कार्यकर्ताओं द्वारा नियमों की पालना करते हुए, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि के उपलक्ष पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनको श्रद्धांजलि दी। जिला चंबा कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा राजीव गांधी जी को याद किया गया व उनकी याद में उनको उज्वल ज्योति प्रज्ज्वलित करके पूष्प मालाएं भी समर्पित की गई। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री नीरज नैय्यर जी ने बताया कि राजीव गांधी 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 21 मई 1991 को उनकी हत्या हो गई।और 21 मई1991 के बाद से लेकर हर वर्ष 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। और उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे है।

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उन्होंने युवाओं को मत का अधिकार के लिए उनकी उम्र 21 वर्ष से 18 वर्ष की थी। जोकि बहुत ही जरूरी था। उस दिन से लेकर आज दिनांक तक हर अठारह वर्ष के युवाओं को मताधिकार का अधिकार है।1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की आयु सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई हैं।इस प्रकार अब 18 वर्ष के करोड़ों युवा भी अपना सांसद, विधायक से लेकर अन्य निकायों के जनप्रतिनिधियों को चुन सकते हैं।यह अधिकार उन्हें राजीव गांधी ने ही दिलाया था। और राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता हैं। राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है।उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाने का काम किया हैं ,बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आगे ले जाने में अहम रोल निभाया है ।उन्होंने कुछ ऐसा किया कि कंप्यूटर आम लोगों तक पहुंच गया। उस दौर में कंप्यूटर लाना इतना आसान नहीं था। तब कंप्यूटर महंगे होते थे, इसलिए सरकार ने कंप्यूटर को अपने कंट्रोल से हटाकर पूरी तरह ऐसेंबल किए हुए कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया गया।

जिसमें मदरबोर्ड और प्रोसेसर थे। उन्होंने कंप्यूटर तक आम जन की पहुंच को आसान बनाने के लिए कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की भी पहल की थी। और इसके बाद ‍पंचायतीराज व्यवस्था की नींव रखने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। दरअसल, राजीव गांधी का मानना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था मजबूत नहीं होगी। तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता है।

उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायतीराज व्यवस्था का पूरा प्रस्ताव तैयार कराया था ।21 मई 1991 को हुई हत्या के एक साल बाद राजीव गांधी की सोच को तब साकार किया गया, जब 1992 में 73वें और 74वें संविधान संशोधन के जरिए पंचायतीराज व्यवस्था का उदय हुआ था ।राजीव गांधी की सरकार की ओर से तैयार 64वें संविधान संशोधन विधेयक के आधार पर नरसिम्हा राव सरकार ने 73वां संविधान संशोधन विधेयक पारित कराया था।24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई।इस व्यवस्था का मकसद सत्ता का विकेंद्रीकरण था। इस मौके पर कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष श्री नीरज नैय्यर व चम्बा ब्लाक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री करतार सिंह ठाकुर, युवा कांग्रेस, सेवा दल, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के गणमान्य सदस्य व गण्मान्य वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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