शिमला ! मंडी जिले में कोरोना पीड़ित के हिंदू धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार पर संतोष जताया !

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शिमला ! मानवाधिकारों के लिए कार्यरत संस्था उमंग फाउंडेशन ने  मंडी जिले में कोरोना पीड़ित व्यक्ति के हिंदू धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार पर संतोष जताया है। उसका कहना है कि प्रशासन ने शिमला जिले में कोरोना पीड़ित युवक को रात के अंधेरे में जलाने के अप्रिय प्रसंग से सबक लिया। मंडी एवं हमीरपुर जिला प्रशासन ने मृतक के बेटे को मुखाग्नि देने का मौका दिया एवं चेहरे के अंतिम दर्शन भी कराए। इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का भी पूरा पालन किया गया।

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उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि शव के भी मानवाधिकार होते हैं और किसी भी हालत में उनका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। कोरोना पीड़ित मृतक के परिजनों के भी मानवाधिकारों का संरक्षण केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 15 मार्च को जारी गाइडलाइंस में किया गया है। उन्होंने कहा कि 6 और 8 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर उन्होंने शिमला में सरकाघाट के युवक के अंतिम संस्कार के तरीके पर सख्त एतराज जताया था।

उन्होंने कहा कि शिमला जिला प्रशासन के एक वर्ग ने अंतिम संस्कार मामले में केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देशों का उल्लंघन किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि रात के अंधेरे में सरकाघाट के 21 वर्षीय युवक के शव को मानवीय गरिमा के विपरीत जाकर जलाया गया। यही नहीं उसके परिजनों को उसके चेहरे के अंतिम दर्शन भी नहीं कराए गए और अंतिम संस्कार का कानूनी अधिकार भी नहीं दिया गया।

यदि शिमला जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार द्वारा 15 मार्च को जारी और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 18 मार्च को अधिसूचित की गई गाइडलाइंस पढ़ी होती तो मानवाधिकारों का यह गंभीर मामला विवादों के घेरे में नहीं आता। उन्होंने कहा कि यह घटनाएं मानवाधिकार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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