शिमला । गैर जिम्मेदाराना तरीके से अंतिम संस्कार करने के मामले पर सरकार को नोटिस ।

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शिमला ।  सरकाघाट निवासी कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद शिमला प्रशासन की ओर से कथित तौर पर गैर जिम्मेदाराना तरीके से अंतिम संस्कार करने के मामले का संज्ञान लेते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनिल चौधरी की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। न्यायालय ने मामले में राज्य सरकार के अलावा नगर निगम शिमला से भी जवाब तलब किया है।

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याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार सरकाघाट निवासी युवक की पांच मई को कोविड-19 से मौत हो गई थी। इसके बाद रात 11 से तीन बजे के बीच लावारिस शव की तरह उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शव जलाने से पूर्व उसके पिता के आने का इंतजार तक नहीं किया गया। यही नहीं शव को जल्द जलाने के लिए डीजल का प्रयोग किया गया। यह तब हुआ जब केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी हिंदू व्यक्ति की कोविड19 से हुई मौत हो जाती है तो उसका अंतिम संस्कार पूरी तरह हिंदू रीति से किया जाएगा।

शव जलाने के लिए हिंदू रीति के अनुसार पवित्र मंत्र पढ़े जाने चाहिए। साथ ही सूर्यास्त के बाद किसी भी व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता।

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