शिमला ! एपीएल उपभोक्ताओं को मिलने वाली सबसिडी में कट लगाने की योजना !

एपीएल की सबसिडी पर भी लगेगा कट हिमाचल सरकार कैबिनेट बैठक में करेगी फैसला।

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शिमला ! इन्कम टैक्स की अदायगी करने वाले ऐसे उपभोक्ता, जिनको सरकारी डिपो से राशन पर सबसिडी मिलती है, उनकी सबसिडी सरकार खत्म करने पर विचार कर रही है। ये बात सचिव खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले अमिताभ अवस्थी ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में सरकार यह फैसला लेने की तैयारी कर रही है। जहां इन्कम टैक्स देने वाले आयकरदाता की सबसिडी खत्म करने पर विचार कर रही है, वहीं एपीएल उपभोक्ताओं को मिलने वाली सबसिडी में कट लगाने की योजना बना रही है। कल होने वाली कैबिनेट बैठक में सरकार इस पर फैसला ले सकती है, जिसका प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है।

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गरीबी रेखा से ऊपर के परिवारों, जो कि मध्यम वर्ग में आते हैं, झटके पर झटका दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार एपीएल की श्रेणी में आने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली की सबसिडी पर भी कैंची चला सकती है। इसे लेकर भी प्लान बनाया जा रहा है, इसे भी कैबिनेट में ले जाया जा सकता है। बता दें कि एपीएल श्रेणी के उपभोक्ता राज्य में 12 लाख हैं, जिनको राशन पर सबसिडी दी जाती है। इन पर सबसिडी कट की गाज गिरने वाली है। हालांकि इस श्रेणी के उपभोक्ताओं में जितने भी आयकरदाता हैं, उनकी सबसिडी पूरी तरह से खत्म कर दी जाएगी।

इसमें काफी संख्या में उपभोक्ता आते हैं, जिनका खाका भी खाद्य आपूर्ति विभाग ने तैयार कर दिया है।

बता दें कि सरकार खर्चों में कटौती करने के लिए इस तरह का निर्णय लेने की सोच रही है, लेकिन मार मध्यम वर्ग पर ही पड़ने वाली है। इसके साथ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं की दरों पर भी सबसिडी कटौती की मार पड़ सकती है। इस पर भी विचार हो रहा है। बीपीएल की श्रेणी में आने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को मिलने वाली सबसिडी जारी रखी जाएगी, जबकि एपीएल श्रेणी के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को दी जा रही सबसिडी में कटौती होगी। जिसे लेकर नियामक आयोग ने अभी नया टैरिफ देना है, मगर सरकार अपने स्तर पर इस सबसिडी को कम करने की सोच रही है। एक साथ उपभोक्ताओं को कई झटके दिए जाएंगे।

हिमाचल में एपीएल श्रेणी के 12 लाख उपभोक्ता हैं, जिनको राशन पर सबसिडी दी जाती है। इसमें दाल, तेल और चीनी पर सबसिडी दी जा रही है। इन परिस्थितियों में सरकार के जन विरोधी फैसलों पर उसे खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। इसपर विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा हाथ लगेगा जो पहले से कोविड मामले में सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है।

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