चम्बा ! राज्य सरकार करें बाहरी राज्यों से आने वाले हर व्यक्ति का कोरोना टेस्ट – नीरज नैय्यर !

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चम्बा ! यह बेहद चिंतन एवं मंथन का विषय है कि हिमाचल प्रदेश राज्य में यकायक कोविड-19 पॉजिटिव मामले बढ़ना आरंभ हो गए हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार को और तेजी से स्वास्थ्य कार्य सहित बाहरी राज्यों से आने वाले हर व्यक्ति का कोविड-19 टेस्ट करना सुनिश्चित करना होगा।

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यह उद्गार जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंंबा नीरज नैय्यर ने कहे। सरकार से आग्रह करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष चंंबा नैय्यर ने कहा कि इसमें कोई दो-राय नहीं है कि राज्य सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटी है। लेकिन यह कहना भी गलत न होगा कि किए जा इंतजामों के मुकाबले परिस्थितियों हावी नजर आ रही है।

उन्होंने कहा बाहर से लाए जाने वाले व्यक्तियों को थर्मल स्कैनिंग कर व वह किस जॉन से आए हैं यह ज्ञात कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन भेजा जा रहा है। जिसमें 94 फीसदी लोग तो होम क्वॉरेंटाइन नियमों का पालन कर रहे हैं। जबकि शेष चार से 6 फीसदी व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन नियमों का उल्लंघन कर परिवार के सदस्यों व अन्य लोगों के जीवन को भी दांव पर लगा रहे हैं।

जिसका उदाहरण जिला चंबा की ब्लाक सलूणी में देखने को मिला जहां सर्वप्रथम पहले दो व्यक्तियों में कोरोना वायरस पॉजिटिव लक्षण मिले। उसके बाद जब तक उनकी रिपोर्ट आई तब तक उनके संपर्क में आने से एक बच्ची सहित अन्य तीन लोगों में कोरोना पॉजिटिव के लक्षण पाए गए हैं। जो कि बेहद चिंता का विषय बन गया है। जिला में अब कुल 6 लोगों में कोविड-19 के पॉजिटिव लक्षण हो चुके हैं।

वहीं राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा पंचायत स्तर पर बनाए गए संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटरों में पूर्ण सुविधाएं विद्यमान नहीं है। जिसका उदाहरण चंबा उपमंडल की वाट पंचायत में एक स्कूल में स्थापित संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटर में देखने को मिला। जहां रखे गए व्यक्ति को लिए न भोजन न ही स्नान करने की व्यवस्था है । जिसके चलते संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भी नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। जिससे महामारी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गत दिनों जिला चंबा में करीब 26 से अधिक लोग बाहरी राज्यों से आ चुके हैं। जिनकी कोविड-19 टेस्ट होना अनिवार्य थे मगर अधिकांश लोगों को उनका जॉन ज्ञात कर वाह थर्मल स्कैनिंग कर उन्हें होम क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया गया है। जिला चंबा सहित पूरे हिमाचल में करोना टेस्ट की प्रक्रिया बेहद धीमी है। जबकि पड़ोसी राज्यों में यह टेस्ट प्रक्रिया रोजाना अधिकतम 25 हजार व न्यूनतम 5 हजार के करीब हो रहे है।

हिमाचल प्रदेश सरकार को भी इस दिशा में तीव्रता से कार्य करते हुए कोरोना टेस्ट की रफ्तार बढ़ाने के लिए और इंतजाम करने चाहिए। सरकार व स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य कर रोजाना करीब 2 से 5 हजार के टेस्ट करने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। ताकि ज्यादा टेस्ट के माध्यम से जल्द से जल्द कोविड-19 संक्रमित रोगी का ज्ञात कर उसे बचाने सहित अन्य लोगों की जिंदगियों को स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया करवाई जा सके।

उन्होंने राज्य सरकार से सवाल करते हुए कहा लॉकडाऊन व कर्फ्यू लगने के लगभग 48 दिनों समय गुजरने के बाद सरकार ने राज्य में कितने और कहां-कहां वेंटिलेटर सिस्टम स्थापित किए गए हैं। ताकि जिस प्रकार रोगियों का ग्राफ बढ़ रहा है उसमें यदि वेंटिलेटर सिस्टम की आवश्यकता पड़ती है तो यह सुविधाएं पीड़ित रोगी को मुहैया करवाया जा सके। मगर इस दिशा में भी सरकार द्धारा किए जा रहे प्रयास बेहद धीमे है।

जिला चंबा में आयुर्वेदिक चिकित्सालय बालू में स्थापित किए हॉटस्पॉट क्वॉरंटाइन उपचार सेंटर में भी अभी तक मेडिकल स्टाफ नियुक्ति के अतिरिक्त इस महामारी से निपटने के लिए अन्य कोई व्यवस्था कायम नहीं हो सकी है। कांग्रेस पार्टी इस महामारी से निपटने के लिए सरकार के संग कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है मगर महामारी के आगे खल रहे अभावों को दूर करने के लिए सरकार को किए जा रहे प्रयासों में बढ़ोतरी करने सहित उसमें तीव्रता दिखानी होगी।

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