हमीरपुर । गृह-संगरोध के नियम तोड़ने पर होगी कड़ी कार्रवाई उपायुक्त।

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हमीरपुर । उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि बड़सर उपमंडल के अंतर्गत ग्राम पंचायत बिझड़ी के डुढार गांव में कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति का मामला सामने आने के उपरांत उसके प्राथमिक एवं द्वितयिक सम्पर्कों के बारे में ब्यौरा एकत्र कर उनके नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि अभी तक 23 प्राथमिक सम्पर्क सामने आए हैं। इनमें से 20 के नमूने गत दिवस एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकि है। तीन प्राथमिक सम्पर्कों के नमूने आज लिए गए हैं।

इसी प्रकार 27 द्वितयिक सम्पर्कों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है, जिनमें से 15 सम्पर्कों के नमूने आज लिए गए हैं। कुछ द्वितयिक सम्पर्क ऊना जिला से संबंधित हैं और इनके बारे में वहां के प्रशासन के साथ जानकारी सांझा की गई है। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट एवं बफर जोन में ग्रुप सेंपलिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए विशेष एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया गया है। लोगों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के लिए होम डिलीवरी व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जिला में पहुंचे 13 हजार से अधिक लोगों को गृह-संगरोध में रखा गया है। इन लोगों की निगरानी बढ़ाने तथा ग्रुप सेंपलिंग के माध्यम से नमूनों की संख्या बढ़ाने के दृष्टिगत आज सभी एसडीएम, बीडीओ व बीएमओ के साथ एक समीक्षा बैठक वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गई। इसमें गृह-संगरोध के नियमों की उल्लंघना करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने तथा ऐसे लोगों को संस्थागत संगरोध केंद्रों में भेजने संबंधी ब्यौरा भी लिया गया।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में स्कूलों को संस्थागत संगरोध केंद्र बनाया गया है। वहां पर आवश्यक प्रबंध करने के लिए संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य अथवा मुख्य अध्यापक को नोडल अधिकारी नियुक्ति किया जा रहा है। वे स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पाठशाला में विभिन्न प्रबंध करेंगे। इसके अतिरिक्त गृह-संगरोध में रखे गए लोगों को क्वारंटीन नियमों के बारे में जागरूक करने एवं इनकी अनुपालना के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शिक्षकों की सेवाएं भी ली जाएंगी। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है।

उन्होंने कहा कि संगरोध व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वार्ड स्तर व पंचायत स्तर पर भी निगरानी समितियां गठित की गई हैं। रेड जोन से आने वाले लोगों के परिजनों की आवाजाही भी सीमित की गई है। पंचायतों में ठीकरी पहरा भी लगाया जा रहा है। इन स्वयं सेवियों के साथ समन्वय स्थापित करने तथा छिट-पुट समस्याओं के निदान के लिए पंचायत सचिव को नोडल बनाया जा रहा है। वे इस मामले में संबंधित खंड विकास अधिकारी के साथ मिलकर कार्य करेंगे।

बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री जितेंद्र सांजटा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना सोनी, उप निदेशक (आरम्भिक शिक्षा) श्री बी.के. नड्डा, प्रधानाचार्य डाईट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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