शिमला नागरिक सभा ने आईजीएमसी शिमला में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले युवक के दाह संस्कार में संवेदनहीनता बरतने व लापरवाही करने पर प्रशासन,नगर निगम व प्रदेश सरकार की कड़ी निंदा की है।
नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने कोरोना पीड़ित युवक की मौत पर संवेदनहीनता बरतने की घटनाक्रम को मानवता को शर्मसार करने वाला कदम करार दिया है। इस कदम से साफ हो गया है कि सरकार व प्रशासन जब स्वयं ही कोरोना महामारी के मसले पर संवेदनहीन हैं तो फिर आम जनमानस को वह इस बीमारी से लड़ने की लड़ाई में कैसे संवेदनशील व तैयार कर पाएंगे। इस घटनाक्रम ने जनता को गहरा सदमा दिया है कि मौत के बाद भी क्या इंसान से ऐसी अमानवीयता की इजाज़त दी जा सकती है। कोरोना पीड़ित इस युवक की उम्र बहुत ही छोटी थी। उसकी मौत से परिवार गहरे सदमे में था। प्रशासन के संवेदनहीन व लापरवाहीपूर्वक रवैये ने पीड़ित के परिवार के दुख को और गहरा करने का कार्य किया है।
विजेंद्र मेहरा इस घटनाक्रम से यह भी ज़ाहिर हो गया है कि बीमारी से निपटने की कोई भी पुख्ता तैयारी सरकार व प्रशासन की ओर से अभी तक नहीं है। जब श्मशान घाट में मौजूद एसडीएम के पास ही सुरक्षा किट व उपकरण मौजूद नहीं थे तो फिर बाकी कर्मचारियों की स्थिति स्वतः ही समझ आ सकती है। जब कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरण नहीं थे तो उनका युवक के मृत शरीर के पास न जाने का डर कोई आम इंसान भी आसानी से समझ सकता है। यह पूरे सिस्टम का कम्प्लीट फेल्योर है।
वास्तविकता यह है कि केवल पचास लाख रुपये का बीमा कवर घोषित करके सरकार ने जनता व स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेहत व सुरक्षा से अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस से यह संकेत जा रहा है कि जीवित कर्मचारियों की सुरक्षा सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती है। सरकार की इस संवेदनहीन कार्यप्रणाली से जहां कर्मचारी एक तरफ मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर बड़ी आसानी से शारीरिक तौर पर बीमारी की जद में आने की उनकी संभावना भी कई गुणा ज़्यादा बढ़ रही है।
इस डर से मृतकों के प्रति भी समाज व इंसानों की संवेदनशीलता व गम्भीरता शून्य हो रही है जिसका प्रतिबिम्बन शिमला के कनलोग शमशान घाट में हालिया पीड़ित कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार में सरेआम देखने को मिला। यह मानवता के लिए बेहद शर्मनाक है और इस शर्मनाक घटना के लिए सरकार व प्रशासन ही पूरी तरह जिम्मेवार है क्योंकि उनकी पुख्ता कार्ययोजना व सुरक्षा के अभाव में ही यह घटनाक्रम हुआ।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी डॉक्टरों,नर्सिंग स्टाफ,आउटसोर्स व ठेका कर्मचारियों,आशा व आंगनबाड़ी सहित अन्य कर्मचारियों के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए जाएं ताकि वे कोरोना के खिलाफ जंग को बेहद गम्भीरता से लड़ पाएं व कोरोना के शिकार हुए युवक के साथ मृत्युपर्यन्त घटे संवेदनहीन घटमनाक्रम जैसी कोई भी पुनरावृति भविष्य में न हो।