करसोग ! कोरोना से जंग में डटे कोरोना वॉरियर्स बोले, हम घर नहीं जाते ताकि जनता जीते !

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करसोग ! किसी भी जंग को जीतने में चाहे सफाई कर्मचारियों , पुलिस कर्मियों, गृह रक्षकौं तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों का संयुक्त योगदान महत्वपूर्ण है। चाहे वह किसी भी हालात पर हो या उसकी रणनीति बनाने में शामिल हो। वैश्विक बीमारी कोरोना को हराने में जनता के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। इस संक्रमण के खतरे को नियंत्रित करने में जुटे योद्धाओं की वजह से ही हम यह सोच सकते हैं कि आने वाले दिनों में हम और हमारा परिवार पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।

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कोरोना योद्धाओं का ही जज्बा है कि वह बिना किसी डर के लगातार करसोग को सुरक्षित बनाने के मोर्चे पर डटे हुए हैं। ऐसे कुछ योद्धाओं के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं..आज की इस कड़ी मैं करसोग मैं तैनात महिला गृह रक्षक देव कुमारी बर्मा की कहानी है, जो एक मां होने के बावजूद भी देश के इस कोरोना महामारी में अपनी सेवाओं का योगदान दे रही है एक तरफ घर का दायित्व और दूसरी तरफ देश भक्ति व साधना तथा सेवाभाव की प्रतीज्ञा पर अडिग रहने का संकल्प होता है।

इस समय पूरे देश में लॉक डाउन है और हिमाचल में कर्फ्यू लगा है। जिसके चलते सभी लोग अपने-अपने घरों में बैठे हैं। तथा कुछेक लोग जो अपने घर से दूर अपने जरुरी कामकाज, शादियां विवाह, व अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर कोरना वाँरियर के रूप में अलग-अलग जगह में अपनी विशेष भूमिका निभा रहे हैं। ताकि हम सब इस कोरना वायरस जैसी महामारी से जीत सके। बताते चलें कि इस समय उपमंडल करसोग के विभिन्न विभिन्न जगहों में भी ऐसे ही पुलिसकर्मी ,स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मचारी, व अन्य कई कोरना थोद्वा अपनी सेवाएं दिन-रात दे रहे हैं !

उपमंडल करसोग कि कुछ सेवाएं देने वाली महिलाओं ने तो अपने छोटे-छोटे बच्चों को घर में रखकर अपने से दूर कर दिया है वह दिन रात अपनी ड्यूटी पर तैनात है। तथा आए दिन देश की जनता इन लोगों के जज्वे को सलाम कर रही है कही पर इन कोरोना योदाओ को समानित किया जा रहा ह्रै तो कही पर इन लोगो पर जनता द्वारा फुलो की वर्षा करके सम्मान दिया जा रहा है। आइए सुनिए आजकल कैसे होती है एक कोरना योद्धा की दिनचर्या ।

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