केलांग ! होम क्वारंटीन में रहना होगा , नहीं कर सकेंगे अभी खेतों में काम !

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केलांग ! प्रदेश सरकार की ओर से सर्दियों में कुल्लू पलायन करने वाले लाहौल के सैकड़ों किसानों को लॉकडाउन में घर पहुंचाने का निर्णय लेकर राहत प्रदान की है। पहले दिन पट्टन घाटी के 133 लोगों को घर पहुंचाया गया। लेकिन उन्हें 14 दिन तक होम क्वारंटीन में रहना होगा।

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जिला प्रशासन के मुताबिक घाटी में बाहर से आए किसान और बागवान 14 दिनों तक होम क्वारंटीन में रहेंगे। इन पर आशा वर्कर के साथ पंचायतों के प्रतिनिधियों की निगरानी रहेगी। लाहौल की पट्टन घाटी में इन दिनों खेती का काम जोरशोर से चल रहा है। कुछ किसानों ने आलू और मटर की खेती शुरू कर दी है। लेकिन कई किसान लॉकडाउन के कारण कुल्लू में ही फंस गए और घर में ताला लटका है। क्वारंटीन के चलते उनकी मुसीबत और बढ़ गई हैं। लाहौल में खेती करने का समय निकलते देख सरकार ने लॉकडाउन में भी किसानों को लाहौल भेजने जी व्यवस्था की है। लेकिन होम क्वारंटीन के चलते समय पर खेतों का काम नहीं हो पा रहा है।

कोकसर पंचायत के पूर्व प्रधान अमर चंद ने बताया कि लाहौल के अधिकांश लोग घरों में ताला लगाकर सर्दियों में चार महीने के लिए घाटी से बाहर कुल्लू-मनाली में पलायन करते हैं। अब वह एक माह से भी अधिक समय से कुल्लू में ही लॉकडाडन का पालन कर रहे हैं। उन्हें खेतों में फसल की बिजाई करना मुश्किल हो गया है। उपायुक्त लाहौल-स्पीति केके सरोच ने बताया कि जो लोग बाहर से लाहौल का रुख कर रहे हैं, उन्हें गुलाबा और कोकसर में स्वास्थ्य परीक्षण के बाद भी होम क्वारंटीन में रहना होगा। उन्होंने बताया कि स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधि, प्रधान, उपप्रधान, पंचायत समिति व वार्ड सदस्य के साथ आशा वर्कर और सर्कल के पटवारियों की ड्यूटी सुनिश्चित की गई है, जो इन पर नजर रखेंगे।

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