करसोग ! राज्य सरकार द्वारा बाहरी राज्यों में फंसे हुए लोगों को हिमाचल में वापसी लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। लेकिन लोगों को यह डर सताने लगा है कि कहीं बाहर से आने वाले लोगों से बीमारी भी साथ में न आ जाए। करसोग के जन प्रतिनिधियों ने इस आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को करसोग एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि बाहर से ने वाले लोगों को घरों की बजाए सरकार अलग से कंवारिंटनाईन सेंटर बनाकर 28 दिनों तक क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था करे।
करसोग एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर को ज्ञापन सौंपते हुए जिला परिषद सदस्य श्याम सिंह चौहान ने कहा है कि बाहरी राज्यों सरकार द्वारा हिमाचली लोगों को लाने की जो पहल की है वह सराहनीय है लेकिन बाहर से आने वाले लोगों को सरकार स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन की निगरानी में, अलग से क्वॉरेंटाइन सेटंर बनाकर क्वॉरेंटाइन रखा जाए। क्योंकि यह देखने में आया है कि घर में क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था नहीं हो पाती, जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों की निगरानी हटती है कंवारिनटाईन रखे हुए व्यक्ति बाहर घुमने लगते हैं जिस से महामारी फैलने का खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो गया तो अब तक सरकार के द्वारा किए गाए सारे प्रयासों पर मिट्टी फिर जाएगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में मौजूद रिटायर्ड सैनिक कैप्टन चेतराम ने कहा कि हमने पूरे इलाके में घूम घूम कर कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक किया है। करसोग अभी तक इस बीमारी की चपेट में आने से बचा हुआ है लेकिन अगर लोगों को बाहर से लाकर घरों में क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा तो यह बीमारी फैलने की आशंका है।
इसके अलावा करसोग न्यारा वार्ड के सद्स्य बंशीलाल भी ज्ञापन सौंपने वालों में मौजूद रहे। उनका कहना था कि ब्लाक या तहसील लेवल पर सरकार द्वारा कंवारिनटाईन सेंटर बनाए जाने चाहिए। इसके लिए सरकार के पास पर्याप्त भवन हैं, कालेज, स्कूल बंद पड़े हैं उन्में भी व्यवस्था की जा सकती है इसके अलावा रेस्ट हाउस, होटलों को भी किराए पर लिया जा सकता है। ऐसा कर के हम करसोग को महामारी की चपेट में आने से बचा सकते हैं।
एसडीएम सुरेंदर ठाकुर ने जनप्रतिनिधियों से ज्ञापन लेते हुए इस ज्ञापन को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया।
ज्ञापन सौंपने वालों में जिला परिषद सदस्य बबीता ठाकुर, नगर पंचायत पार्षद सीमा गुप्ता, पार्षद बंशीलाल, महिला मंडल प्रधान विमला वर्मा, महिला मंडल सचिव पूनम भी शामिल रहे।