रोहतांग ! दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगाने वाला कोरोना वायरस रोहतांग दर्रे पर अटल टनल के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्य को रोक नहीं पाएगा। वायरस के खतरे के बीच भी 8.8 किमी लंबी सामरिक महत्व की अटल टनल का निर्माण इसी साल के अंत में पूरा होगा। वायरस के चलते सीमित मजदूरों के साथ टनल के भीतर निर्माण जारी है।
इस दौरान सामाजिक दूरी के साथ समय-समय पर सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। टनल के भीतर पेवमेंट और विद्युतीकरण का काम शेष है। करीब चार हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह दुनिया में सबसे ऊंचाई पर सबसे लंबी ट्रैफिक टनल होगी। पीरपंजाल पर्वत रेंज के भूगर्भ को चीरकर बन रही यह टनल देश के लिए सामरिक लिहाज से मील का पत्थर साबित होगी। चीन से सटे सीमांत क्षेत्र में सेना यहां से आसानी से पहुंच जाएगी।
टनल बनने से हिमाचल के जनजातीय इलाके लाहौल और पांगी घाटी सालभर दुनिया से जुड़े रहेंगे। अटल टनल प्रोजेक्ट में तैनात बीआरओ के अधिकारी कर्नल परीक्षित मेहरा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण सीमित संख्या में मजदूरों के साथ निर्माण कार्य जारी है। टनल के भीतर पेवमेंट और विद्युतीकरण का काम बाकी है। टनल का निर्माण कार्य पूरा कर इसी साल सर्दी शुरू होने से पहले ही देश को समर्पित किया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस टनल का उद्घाटन करने का एलान कर चुके हें।