जंजैहली ! सराज घाटी के जंजैहली क्षेत्र में इस बार बहुत गुच्छियां उतपन्न हो रही है ये गुच्छियां ना केवल जंगलों में बागीचों में खेतों में ,घर के आसपास भी उगने लगी हैं।बता दे कि इनकी कीमत बहुत अधिक होती है। यह करीब 10 तो कभी 20हजार रुपए किलो तक बिकती हैं ।यह प्रोटीन युक्त होती है बड़ी ही कठिनाई से मिलती है जंगल में घूम घूम कर कभी कबार कुछ भी हाथ नहीं आता लेकिन इस बार ये अधिक उतपन्न हुई है। और इसकी मार्केट भी कम ही होगी शायद क्योंकि यह अक्सर मेले में बिकती है !
इस बार मेले या भिड़ भाड़ पर प्रतिबंध है ,तो व्यापारियों को कठिनाई होगी ।गुच्छियों में प्रचुर मात्रा विटामिन डी विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होती है.।दिल के लिए ये बहुत उपयोगी है , इसको खाने से आदमी बहुत तंदुरुस्त रहता है , कठिनाई से मिलने वाली यह गुच्छी तभी तो कीमती है इसमें प्रचुर मात्रा में औषधीय गुण है इसमें विटामिन डी विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मिलती है।ये दुनिया की सबसे महंगी सब्जी है, यह हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में ही पाई जाती हैं।
इसकी खासियत है कि दूर दूर लेकिन 2 गुच्छी इकठ्ठा मिलती है ,अभिप्राय है कि इसका साथी पास ही होता है ।बता दें कि इसकी खेती नही होती ,लोगों का मानना है कि ये वारिश के साथ जब गर्जना होती है तो ये ज्यादा उगती है । लोगों को इससे अच्छी खासी आमदनी हो जाती है।ये एक वरदान है पहाड़ियों के लिये।