करसोग ! जिला मंडी के उपमंडल करसोग के सभी प्रकार के व्यवसायियों व घरेलू खुदरा व्यापारियों ने सरकार के केवल ई-कॉमर्स को मिली राहत का विरोध किया है। कोरोना वायरस की वजह से देश भर हुए लॉकडाउन के बीच विदेशी स्वामित्व वाली ई कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की अनुमति देने का विरोध शुरू हो गया है। व्यापार मंडल करसोग ने सरकार से अनुरोध किया है कि इसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि आगामी 20 अप्रैल से ई कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की जो अनुमति दी गई है उस पर फिर विचार किया जाए। इनका कहना है कोरोना संक्रमण में एक योद्धा की भांति सेवारत देशी खुदरा व्यापारियों को ग्रीन जोन में अपनी अपनी दुकाने खोलने की अनुमति दी जाए।
सभी व्यापार मंडल के व्यापारियों ने लॉकडाउन का भरपूर सहयोग किया है !
लॉकडाउन को सफल बनाने में राष्ट्र के खुदरा व्यापारियों का अभूतपूर्व योगदान रहा है और एक योद्धा की भांति 130 करोड़ नागरिकों को आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करा रहे है। अन्य गैर जरूरी वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यापारी भी इस दौरान वंचित वर्ग को लगातार भोजन इत्यादि की व्यवस्था में लिप्त रहे है और अपने राष्ट्र धर्म का निर्वाह करते रहे है। यह बड़ा खेद का विषय है कि सरकार द्वारा अपने घरेलू खुदरा व्यापारियों के हितो को अनदेखा कर विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर आवश्यक वस्तुओ को ऑनलाइन के माध्यम से विक्री करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
संकट में हैं घरेलू व्यापारी करसोग व्यापार मंडल के प्रधान नवीन गुप्ता का कहना है की हमने सरकार के हर फैसले से उसका साथ दिया है लॉक डाउन के दिनों में दुकानें बंद करके अपने परिवार और समाज की सुरक्षा को सुनिश्चित किया हमने कमाया तो कुछ नहीं लेकिन खर्चे हमारे यथावत रहे हमारा मानना यह था और यह सरकार से उम्मीद थी कि जब हम इस लॉक डाउन पीरियड से बाहर आएंगे तो मार्केट खुलेगी तो जो भी हमें अभी तक हमारे व्यापारी बंधुओं चलते घाटा हुआ है तो हम पैसे कमा कमा लेंगे लेकिन सरकार के इस फैसले ने हमारे उम्मीदों पर पानी फेर दिया है !
सरकार का कहना है कि ऑनलाइन डिलीवरी 20 तारीख से शुरू कर देंगे और हमारी दुकानें बंद रहेंगी जो लोग सामान देने से परिचित है पिछले 1 महीने से ग्राहक मार्केट बंद होने से ऑनलाइन से मंगा लेंगे और हम सोच रहे थे कि जिन ग्राहकों को हम अपनी सेवा भाव देते हैं वह ग्राहक लॉक खोलने के बाद हमारे पास आएगा और हमारा घाटा पूरा हो जाएगा लेकिन सरकार के इस फैसले ने हमारी सारी उम्मीदों को धूल में मिला दिया है क्योंकि जब लॉक डाउन हमारे लिए खुलेगा तो कस्टमर कोई भी मार्केट में नहीं होगा तो हम अपने वित्तीय घाटे को किस तरह से पूरा कर पाएंगे यह सरकार ने व्यापारी वर्गों के लिए नहीं सोचा|हमारा केंद्र सरकार से यह आग्रह है कि व्यापारियों के हितों के लिए भी कुछ राहत दी जाए ताकि हमारा जीवन यापन भी सही ढंग से चल पड़े !