हिमाचल पीटीए,पैरा,पैट मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम मोहर से पक्ष में सुनाया फैसला।

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चम्बा ! आज माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले पांच वर्षों से लंबित हजारों अस्थाई शिक्षकों पीटीए, पैरा, पैट और ग्रामीण विद्या उपासक के मामले पर अंतिम सुनवाई केस नंबर 1503 कोर्ट नंबर 2 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई।

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माननीय सुप्रीम कोर्ट ने विरोधियों की सभी याचिकाओं को खारिज़ करते हुए हिमाचल सरकार की सभी भर्तियों को जायज ठहराते हुए ऊक्त मामले में हिमाचल हाई कोर्ट के दिसम्बर 2014 में पक्ष में दिए गए फैसले को बरकरार रखा गया औऱ सभी पीटीए,पैरा,पैट शिक्षकों को प्रदेश सरकार नियमित दिसम्बर 2014 में नियमित किए गए पैरा टीचर की तर्ज पर नियमित करने के आदेश जारी कर दिए।

आज 14/15 वर्षों से अपने मान- सम्मान एवं अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हजारों पीटीए पैट,पैरा और विद्या उपासकों के पक्ष में माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाकर ‘सत्यमेव जयते’ शास्त्रोक्त कथन को चरितार्थ कर दिया। पिछले 5 वर्षों से माननीय सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस मामले पर सुनाई 30 जनवरी 2020 को पूर्ण हो चुकी थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।

हिमाचल प्रदेश अनुबन्ध शिक्षक संघ पीटीए (पंजीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष बोविल ठाकुर उपाध्यक्ष व महिला विंग अध्यक्ष श्रीमती मधुबाला भंडारी, वरिष्ठ सलाहकार यशवंत कंवर, प्रदेश संयोजक डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, सचिव राकेश कुमार ,कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जस्टा,सह सचिव ओम प्रकाश, प्रेस सचिव सुदर्शन शर्मा, संतोष रावत, कासिम खान ने माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए इस फैसले का स्वागत करते हुए इस संघर्ष में जूझ रहे सभी पीटीए अनुबन्ध शिक्षको को बधाई दी है।

बोविल ठाकुर ने कहा है कि ये असत्य पर सत्य की जीत है। सत्य परेशान हो सकता है, पराजीत नही। हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास था कि हजारों शिक्षक परिवारों को न्याय जरूर मिलेगा। भगवान के घर देर है अंधेर नहीं।

बोविल ठाकुर ने इस अंतरिम लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर लाने व असत्य व अन्याय को उसके अंजाम तक पहुँचाने के लिए देश के वरिष्ठ अधुवक्ता एवं सर्विस मेटर में विशेषज्ञ सी. सुंदरम् जी का भी आभार व्यक्त किया है जिन्होंने प्रमाणिक तथ्यों के साथ इस मामले की पैरवी करके हजारों शिक्षक परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने में अपनी अद्वितीय भूमिका का निर्वहन किया। साथ ही सरकार पक्ष से पैरवी करने वाले अधिवक्ता पटवारिया जी का भी धन्यवाद किया है जिन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पुरजोरता से पैरवी की।

प्रदेशाध्यक्ष बोविल ठाकुर ने प्रदेश सरकार के मुखिया आदरणीय मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी का दिल की गहराइयों से धन्यवाद व्यक्त किया जिन्होंने हमेशा इस मामले की पैरवी के लिए सहयोग प्रदान किया । इसके साथ ही प्रदेश के कानून व शिक्षामंत्री श्री सुरेश भारद्वाज का इस मामले में साथ व सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया है। बोविल ठाकुर ने प्रदेश के उन सभी अनुबन्ध पीटीए शिक्षकों का भी आभार व्यक्त किया है जिन्होंने इस लड़ाई को इस मुकाम तक पहुँचाने में अपना भरपपुर साथ व सहयोग दिया जिसका सार्थक परिणाम आज आप सभी के सामने है।

जिला शिमला अध्यक्ष नवीन मेहता,जिला किन्नौर अध्यक्ष टिक्कम नेगी,जिला मंडी अध्यक्ष पवन नाईक,जिला सिरमौर अध्यक्ष देवराज कुनियाल,जिला बिलासपुर अध्यक्ष मदन ठाकुर, जिला चंबा अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर, जिला हमीरपुर अध्यक्ष विमल कुमार, जिला ऊना अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार,जिला कुल्लू अध्यक्ष उदय पराशर,जिला सोलन अध्यक्ष हरि सिंह ठाकुर, जिला लाहौल स्पीति अध्यक्ष सुरेन्द्र लांपा आदि ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णायक फैसले का स्वागत किया है और सभी शिक्षक परिवारों को 14 वर्षों के इस वनवास से हमेशा के मुक्ति के लिए बधाई दी है और साथ ही प्रदेश के उन सभी शिक्षक साथियों का आभार व्यक्त किया है जिन्होंने इस लड़ाई में अपना साथ व सहयोग दिया है परिणामतः आज ये मुकाम प्राप्त हो पाया है।

माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णायक फैसले से आज हजारों शिक्षक परिवारों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। आज पिछले 15 वर्षों से संघर्षरत हजारों पीटीए,पैरा,पैट व विद्या उपासकों के अस्तित्व पर लगे सभी प्रश्नचिंह हमेशा के लिए समाप्त हो गए है। माननीय हाई कोर्ट हिमाचल प्रदेश द्वारा पहले ही 9 दिसम्बर 2014 में पक्ष में फैसला सुनाया जा चुका है। आज इस फैसले से हजारों शिक्षकों के नियमितीकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जिन बाधाओं का जिक्र होता था वो बाधाएं आज हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो गई है।

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