‘बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल’ है, हिमाचल प्रदेश – हिमाचल दिवस विशेष ।

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हिमाचल दिवस विशेष

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● ‘हिमाचल’ प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ‘बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल’ है।
● हिमाचल प्रदेश में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है।
● आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया।
● सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा

आज ही के दिन 15 अप्रैल को लगभग 55,673 वर्ग कि.मी. में फैला हुआ केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश का निर्माण दिवस है । इस दिन को हिमाचल प्रदेश में “हिमाचल डे” के रूप में मनाया जाता है । 15 अप्रैल 1948 में हिमाचल प्रदेश का निर्माण हुआ था और इस कारण से इसे हिमाचल प्रदेश की वर्ष गाँठ के तौर पर मानते है। बता दे , हिमाचल प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है। यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है।

हिमाचल प्रदेश को ‘देव भूमि’ भी कहा जाता है। हालांकि ‘हिमाचल’ प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ‘बर्फ़ीले पहाड़ों का अंचल’ है। हिमाचल प्रदेश में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा। सन् 1950 में इस राज्य को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, परन्तु 1971 में ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बना दिया गया।

◆ हिमाचल प्रदेश से जुड़ी कुछ खास बाते:

1- भारत की स्वतंत्रता के बाद जनवरी, 1948 ई. में हिमाचल प्रदेश के निर्माण की घोषणा शिमला हिल्स स्टेट्स यूनियन सम्मेलन सोलन में हुई। हालांकि दूसरी तरफ प्रजा मंडल के नेताओं का शिमला में सम्मेलन हुआ, जिसमें प्रजा मंडल के अध्यछ यशवंत सिंह परमार ने इस बात पर जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश का निर्माण तभी संभव है, जब शक्ति प्रदेश की जनता तथा राज्य के हाथ सौंप दी जाए। वही संयुक्त सचिव शिवानंद रमौल की अध्यक्षता में हिमालयन प्लांट गर्वनमेंट की स्थापना की गई, जिसका मुख्यालय शिमला में बनाया गया।

2- दो मार्च, 1948 ई. को शिमला हिल स्टेट के राजाओं का सम्मेलन दिल्ली में किया गया। इन राजाओं की अगवाई राजा जोगेंद्र सेन कर रहे थे। सम्मलित हुए सभी राजाओं ने हिमाचल प्रदेश में शामिल होने के लिए 8 मार्च 1948 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जिसमे 15 अप्रैल 1948 ई. को हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण किया था।

3- जब 15 अप्रैल 1948 ई. में हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण हुआ तो उस समय प्रदेश भर को चार जिलों में बांटा गया और पंजाब हिल स्टेट्स को पटियाला और पूर्व पंजाब राज्य का नाम दिया गया। और तभी 1948 ई. में सोलन की नालागढ़ रियासत कों शामिल किया गया। अप्रैल 1948 में इस क्षेत्र की 27,018 वर्ग कि.मी. में फैली लगभग 30 रियासतों को मिलाकर इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। उस समय हिमाचल प्रदेश में चार जिला महासू, सिरमौर, चंबा, मंडी शामिल किए गए थे। प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 27018 वर्ग किलोमीटर व जनसंख्या लगभग 9 लाख 35 हजार के करीब थी।

◆ प्रदेश का किया गया पुनर्गठन :

1- 1950 ई. में हिमाचल प्रदेश के सीमाओं का पुनर्गठन किया गया। जिसमे कोटखाई को उपतहसील का दर्जा देकर खनेटी, दरकोटी, कुमारसैन उपतहसील के कुछ क्षेत्र तथा बलसन के कुछ क्षेत्र कोटखाई में शामिल किए गए। कोटगढ़ को कुमारसैन उपतहसील में मिलाया गया। इधर उत्तर प्रदेश के दो गांव संसोग और भटाड़ जो देवघर खत में थे उन्हें जुब्बल तहसील में शामिल कर दिया गया।

2- पंजाब के भी नालागढ़ से सात गांव लेकर सोलन तहसील में शामिल गए गए। इसके बदले में शिमला के नजदीक कुसुम्पटी, भराड़ी, संजौली, वाक्ना, भारी, काटो, रामपुर। इसके साथ ही पेप्सी (पंजाब) के छबरोट क्षेत्र कुसुम्पटी तहसील में शामिल कर दिए गए।

3- भारत के प्रथम आम चुनावों के साथ वर्ष 1952 में हिमाचल प्रदेश के भी चुनाव हुए। चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस पार्टी की जीत दर्ज हुई । साल 24 मार्च 1952 को प्रदेश की बागडोर बतौर मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार ने संभाली थी।

4- भाखड़ा-बांध परियोजना का कार्य चलाने के कारण वर्ष 1948 ई. में बिलासपुर रियासत को हिमाचल प्रदेश से अलग रखा गया था। 1 जुलाई, 1954 ई. को कहलूर रियासत को प्रदेश में शामिल करके इसे बिलासपुर का नाम दिया गया। उस समय बिलासपुर तथा घुमारवीं नामक दो तहसीलें बनाई गईं। यह प्रदेश का पांचवां जिला बना। 1954 में जब ‘ग’ श्रेणी की रियासत बिलासपुर को इसमें मिलाया गया, तो इसका क्षेत्रफल बढ़कर 28,241 वर्ग कि.मी. हो गया।

5- उसके बाद 1 मई, 1960 को छठे जिला के रूप में किन्नौर का निर्माण किया गया। इस जिला में महासू जिला की चीनी तहसील तथा रामपुर तहसील को 14 गांव शामिल गए गए। इसकी तीन तहसीलें कल्पा, निचार और पूह बनाई गईं।

6- पंजाब का पुनर्गठन वर्ष 1966 में किया गया जिसके बाद पंजाब व हरियाणा दो राज्य बनाये गए। भाषा तथा तिहाड़ी क्षेत्र के पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश में शामिल कर दिए गए। संजौली, भराड़ी, कुसुमपटी आदि क्षेत्र जो पहले पंजाब में थे तथा नालागढ़ आदि जो पंजाब में थे, उन्हें पुनः हिमाचल प्रदेश में शामिल कर दिया गया। वर्ष 1966 में इसमें पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को मिलाकर इसका पुनर्गठन किया गया तो इसका क्षेत्रफल बढ़कर 55,673 वर्ग कि.मी. हो गया।

7- गौरतलब है की 25 जनवरी 1971 में हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला । 25 जनवरी 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शिमला आकर ऐतिहासिक रिज मैदान पर भारी बर्फबारी के बीच हिमाचल वासियों के समक्ष हिमाचल प्रदेश का 14 वें राज्य के रूप में उद्घाटन किया। वही 1 नवम्बर 1972 को कांगड़ा ज़िले के तीन ज़िले कांगड़ा, ऊना तथा हमीरपुर बनाए गए। महासू ज़िला के क्षेत्रों में से सोलन ज़िला बनाया गया।

◆ हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर से किसने – किसने संभाली बागडोर :

1- 8 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1956 तक डा. यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

2- उसके बाद 31 अक्टूबर 1956 से लेकर जुलाई 1963 तक राष्ट्रपति शासन रहा ।

3- 1 जुलाई 1963 से 28 जनवरी 1977 तक डा. यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

4- 28 जनवरी 1977 से 30 अप्रैल 1977 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ठाकुर राम लाल ने जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

5- 30 अप्रैल 1977 से 22 जून 1977 तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

6- 22 जून 1977 से 14 फ़रवरी 1980 तक जनता पार्टी की शांता कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ।

7- 14 फ़रवरी 1980 से 7 अप्रैल 1983 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ठाकुर राम लाल जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

8- 8 अप्रैल 1983 से 8 मार्च 1985 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

9- 8 मार्च 1985 से 5 मार्च 1990 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली

10- 5 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992 तक भारतीय जनता पार्टी से शांता कुमार ने पालमपुर क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

11- 15 दिसम्बर 1992 से 3 दिसम्बर 1993 तक राष्ट्रपति शासन रहा

12- 3 दिसम्बर 1993 से 24 मार्च 1998 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने रोहड़ू क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

13- 24 मार्च 1998 से 6 मार्च 2003 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री पद संभाला

14- 6 मार्च 2003 से 30 दिसम्बर 2007 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने रोहड़ू क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

15- 30 दिसम्बर 2007 से 20 दिसम्बर 2012 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रेम कुमार धूमल ने बमसन क्षेत्र से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

16- 25 दिसम्बर 2012 से 24 दिसम्बर 2017 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने शिमला ग्रामीण से जीत दर्ज कर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

17- 24 दिसम्बर 2017 से वर्तमान भारतीय जनता पार्टी जयराम ठाकुर ने सिराज क्षेत्र से मुख्यमंत्री पद संभाला!

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