मंडी ! सुंदरनगर तहसील कल्याण अधिकारी विक्रांत जग्गा का करोना खतरे के चलते तथा लोकडऊन का पालन करते हुए, जो कि इस वक्त अपने देश को किसी बड़ी त्रासदी से बचाने के लिए अति आवश्यक है। इस के चलते कई लोग जो अपना जीवन व्यापन अपनी रोजमर्रा की कमाई से करते थे, उनके लिए थोड़ी समस्या हो गई है। इसी संदर्भ में तहसील कल्याण अधिकारी विक्रांत जग्गा आगे आकर सभी सैलरीड कर्मचारियों से अपील कर रहे हैं, तथा इस संदर्भ में एक गरीबों के हित के लिए पॉलिसी सरकार से बनाने की गुहार लगा रहे हैं।
जग्गा का कहना है कि अगर सरकार बैंकों के साथ मिलकर यह निर्णय ले जिसमें कि सैलरीड ईम्पलाई जो वॉलंटिली आगे आना चाहते है, उसे बैंक उनकी सैलरी के आधार पर दस हजार से लेकर पचास हजार तक रुपए का ब्याज मुक्त लोन तत्काल प्रदान करें। जिसे कि बैंक एक से लेकर बीस किस्तों में उस सैलरीड ईम्पलाई की सैलरी से काट सकें। गौरतलब यह है इससे जग्गा का कहना है कि अगर एक लाख वालंटियर पचास हजार का लोन लेते हैं और उस पैसे से औसतन दो हजार का राशन पच्चीस परिवारों को देते हैं, तो सरकार के लिए एक अच्छी मदद साबित होगी तथा सीधा सीधा पाँच सौ करोड़ रुपए का एक फंड एकत्रित हो जायेगा।
इसके अतिरिक्त अगर यह आंकड़ा एक लाख से दस लाख वॉलिंटियर का हो जाए तो सीधा-सीधा पाँच हजार करोड़ रूपया सरकार की मदद के लिए तैयार हो जाएगा। उनका कहना है कि जो भी डिस्ट्रीब्यूशन राशन या अन्य जरूरी सामान की होगी उसे एक लाइन डिपार्टमेंट कोडिनेट करके पैसे सीधे दुकानदार को दिलवाया जा सकता है। जरूरतमंद को सामान पहुंचाया जा सकता है। यह पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन का एक ऑर्गेनाइज तरीका भी होगा तथा जो पैसा सरकार इन एसेंशियल कमोडिटीज में इस वक्त लगा रही है, अगर उसके अंतर्गत इंप्लाइज सरकार का साथ दें तो सरकार वह पैसा अन्य मेडिकल सुविधाओं अथवा दवाइयों के ऊपर लगा सकती है।
सरकार के ऊपर आने वाले समय में आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ेगा। इसी के साथ साथ उन्होंने कहा जिस तरह बैंक में क़िस्त टाइम पर सैलरी से कट कर वापिस चली जाएंगी तो वह पैसा एक साइकिल की तरह इस्तेमाल हो सकता है और सबसे बड़ी बात इसमें यह है कि यह पैसा ना तो बैठ डेबिट होगा और ना ही नॉन परफॉर्मिग एसट साबित हो सकता है क्योंकि इसमें जो लोन लेने वाले व्यक्ति होंगे या एक तरह से एडवांस लेने वाले व्यक्ति होंगे वे सारे ही गवर्नमेंट ईम्पलाइज होंगे। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री महोदय को ईमेल द्वारा भी इस आईडिया से अवगत करवाया है तथा उनसे अपील की है कि सभी बैंक और सरकार से इसमें उचित कदम उठाने के लिए अपील की है ताकि सभी कर्मचारी बढ़ चढ़कर इस घड़ी में सरकार का साथ दें।
उन्होंने सभी कर्मचारियों से यही कहा कि जब सरकार हमें सैलरी देती है तो हमारा भी अपने देश के लिए कुछ कर्तव्य बनता है तथा हमें सरकार का पूरा सहयोग देना चाहिए। सरकार काफी अच्छे पैकेजेस हमारे गरीब भाई-बहनों के लिए अनाउंस कर रही है और इसके साथ हम सब को आगे बढ़ कर आना चाहिए उन्होंने कहा कि अगर दस बैंक भी पचास पचास करोड़ इस योजना में सरकार की मदद के लिए दें तो पांच सौ करोड़ आराम से खड़ा हो सकता है। और आने वाले समय में हमारे पब्लिक फाइनेंस पर भी कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा।