शिमला। प्रदेश पुलिस जमात के मौलाना साद कंधालवी पर भी कार्रवाई कर सकती है। डीजीपी सीताराम मरडी ने कहा है कि पुलिस ने अब तक जानकारी छिपाने के आरोप में 97 जमातियों के खिलाफ 20 मामले दर्ज किए हैं और इसकी जांच की जा रही है। अगर जमातियों को बहकाने या गलत करने के लिए उकसाने के पुख्ता सबूत मिले तो किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
डीजीपी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया और राजनीतिक दल जमात के मौलाना साद कंधालवी पर यह आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने मरकज से जाने वाले जमातियों को बीमार होने पर अस्पताल जाने की बजाय मस्जिदों में जाने के लिए कहा था। कहा जा रहा है कि साद की इसी अपील के बाद जमाती घरों को लौटे लेकिन उन्होंने न तो पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी और न ही उन्होंने डॉक्टरों से इलाज कराया। हालांकि, पुलिस ने इन्हें तलाशने के लिए विशेष अभियान चलाया और अब तक 432 जमातियों और उनके संपर्क में आने वाले 293 लोगों को चिह्नित कर क्वारंटीन किया है।
बता दें कि पुलिस की अपील के बावजूद जमातियों के सामने न आने के बाद डीजीपी ने निर्देश दिए थे कि अगर किसी कोरोना पॉजिटिव जमाती की वजह से दूसरे व्यक्ति को कोरोना हुआ या उसकी मौत हुई तो ऐसे लोगों के खिलाफ हत्या या हत्या के प्रयास की धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा। इसी सख्त चेतावनी के बाद बड़ी संख्या में जमाती सामने आने लगे थे। डीजीपी ने कहा कि फिलहाल मामले की जांच अलग अलग जिलों की पुलिस कर रही है, लेकिन अगर जरूरत महसूस हुई तो एसआईटी गठित की जा सकती है। साथ ही कहा कि जिसके भी खिलाफ सबूत मिलेगा उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।