जवाली ! धर्म की आड़ में देश के करोड़ों लोगों को खतरे में डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती, चाहे वह कोई भी हो। यह शब्द मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश संयोजक के डी हिमाचली ने कहे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया मरकज में सब जानते हुए घोर लापरवाही करते हुए कानून को धत्ता बताते हुए हजारों लोगों को धर्म के नाम पर पनाह देकर देश को खतरे में डालने और गुमराह करने के जुर्म में कानूनी तौर पर सख्त से सख्त सजा दी जाए उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि देश की राजधानी में सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई। क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री ने वोटों की खातिर गुप्त तौर पर इन लोगों पनाह दी हुई थी, पुलिस की नजरों में 2000 लोग कहां गुम हो गए। इनके खाने पीने का इंतजाम कौन कर रहा था।
अगर वह फंस गए थे तो उन्होंने एजैंसियों को क्यों नहीं बताया। इन लोगों ने देश और प्रदेश के लिए खतरा पैदा कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में 701 लोगों की अधिकारिक पुष्टि हो गई है, लेकिन लगता है कि यह संख्या हजारों में हो सकती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तत्काल संभावित क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाकर देश और प्रदेश हित में कारवाई की जाएं।
सभी मजहबी स्कूल, मकसद, इस्लामी इदारे , मस्जिदों को बंद करवाया जाए। उन्होंने जमात से जुड़े अमीरों से आह्वान किया है कि वह राष्ट्रीय हित में अगर कोई संदिग्ध है तो उसे छुपाए नहीं बल्कि इसकी सूचना तत्काल प्रशासन को दें। देश व प्रदेश की सरकारें व स्थानीय प्रशासन जनहित में बेहतरीन कार्य कर रहा है, सभी लोग खुले मन से प्रशासन का सहयोग करें , ताकि कोरोना भागे और भारत जीते।
उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम नेता अफवाहें फैलाना बंद करें कि सरकार कोरोना की आड़ में मुसलमानों का एनआरसी कर रहे हैं, लोग इनकी अफवाहों में न आएं और सरकार के आदेशों का पालन करें।