धर्मपुर । हिमाचल प्रदेश निर्माण मज़दूर फेडरेशन ने मनरेगा औऱ निर्माण मज़दूरों के खातों में पांच पांच हजार रुपये तुरन्त जारी करने की मांग की है। फ़ेडरेशन के राज्य महासचिव औऱ ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार की वित्त मंत्री द्धारा पिछले कल कोरोना संक्रमण की रोकथाम के आर्थिक पैकेज में मनरेगा मज़दूरों की दैनिक मज़दूरी में 20 रु बढ़ाने की घोषणा की है जो कि स्वागतयोग्य है।हालांकि ये बढ़ोतरी प्रयाप्त नहीं है औऱ इस बढ़ोतरी का लाभ भी तब मिलेगा जब मनरेगा के तहत कार्य शुरू करने की परिस्थिति बनेगी जबकि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण कार्य प्रारंभ नहीँ होंगे औऱ इस वित्त वर्ष में भी बहुत कम दिनों का काम मनरेगा में मजदूरों को मिला है।
इसलिये निर्माण व मनरेगा मज़दूर फ़ेडरेशन की सरकार से मांग है कि मनरेगा मज़दूरों के खातों में 28 दिनों( दो मस्ट्रोलों)का अग्रिम वेतन जो 202रु प्रति दिन की दर से 5656 रु होता है मज़दूरों को अप्रैल माह में जारी कर दिया जाये औऱ जब काम करने के लिए पतिस्थितियाँ ठीक होंगी तब इस राशी का समायोजन किया जाये।मज़दूर फेडरेशन की ये भी मांग है साल में मनरेगा के कार्य दिवस डेढ़ सौ किये जायें और निर्धारित दिनों का काम सुनिशित किया जाये तथा केंद्र सरकार तुरन्त राज्य सरकार कोमनरेगा का बजट जारी करे।
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में निर्धारित 120 दिनों में से औसतन साठ दिनों का ही काम उपलबध किया गया है तो इस प्रकार केंद्र सरकार द्धारा इसे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आर्थिक सहायता के फॉर्मूले के रूप में पेश करना केवल मज़ाक ही सिद्ध होगा।इसके अलावा यूनियन ने मांग की है कि हिमाचल प्रदेश राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से पंजीकृत डेढ़ लाख मज़दूरों के खातों में भी बोर्ड से पांच पांच हजार रुपये जारी किए जाएं हालांकि तीन दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने दो हज़ार रुपये जारी करने की घोषणा की थी जो पर्याप्त नहीं है और इसे बढ़ाया जाए।
इसके अलावा बोर्ड से अभी पिछले एक साल से हज़ारों मज़दूरों के बच्चों के छात्रवृति के आवेदन स्वीकृत नहीँ हो रहे हैं जिन्हें जल्दी स्वीकृत किया जाये।भूपेंद्र सिंह ने सरकार से ये भी मांग की है कि जो मज़दूर गांवों में दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं और जो बोर्ड के सदस्य किन्ही कारणों से नहीं अभी तक नहीं बन पाए हैं उन्हें सदस्य बनने के लिए अभियान चलाया जाए और उन्हें भी ये सब सहायता प्रदान की जाये।इसके लिए कर्मचारियों की संख्या बोर्ड के राज्य कार्यालय शिमला औऱ सभी जिलों में तुरन्त बढ़ाई जाए ताकि मज़दूरों को सहायता राशी समय पर उपलबध हो सके।