बीबीएन ! कफर्यू के दौरान बददी बरोटीवाला के तमाम उद्योग बंद पडे हैं। कफर्यू से पहले हिमाचल के कर्मचारियों को उनके पैतृक घरों को पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने कोई विशेष व्यवस्थाएं नहीं की। इसका खामियाजा यह हुआ कि हिमाचल के कर्मचारियों को एक छोटे से जेल रुपी कमरे में पति पत्नी व दो बच्चों के साथ कैदी के रुप में रहना पड रहा है। पहले यह होता था कि पति डयूटी चला गया और बच्चे स्कूल लेकिन अब 24 घंटे एक ही कमरे में रहना खाना पीना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।
इन कर्मचारियों के घर बददी से 100 किमी से 200 किमी के दायरे में है जहां ज्यादा से ज्यादा पांच घंटे का सफर है। जिला प्रशासन ने इनको भिजवाने की बजाय इनको यही रुकने के फरमान जारी किए हुए हैं। अभी दो दिन हुए हैं और 19 दिन और ज्यादा बाकी है।
बददी विकास मंच के अध्यक्ष बेअंत ठाकुर, लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष राजीव कंसल, एचडीएमए के प्रदेशाध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता, चिरंजीव ठाकुर, हेमराज चौधरी व अशोक राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के प्रमुख जिलों ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर , कांगडा चंबा व शिमला समेत अन्य जिलों के जो भी कर्मचारी यहां कफर्यू में फंस गए हैं उनको विशेष छूट देकर या विशेष एचआरटीसी की बसें मुहैया करवाकर उनको गृह जिले में पहुँचाना चाहिए ताकि बददी में कोरोना वायरस के फैलने का दबाव कम हो सके।