करसोग बाजार में कचरा चारों ओर दिखना आम बात !

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करसोग बाजार में कचरा चारों ओर दिखना आम बात हो गई है ! पंचायत और बाजार कमेटी के पास कूड़ा फेंकने के लिए स्थान चिह्नित हो चुका है । फिर भी करसोग बाजार ही नहीं, बल्कि साथ सटी पंचायतों. सानना, लोअर करसोग, सनारली, में भी स्वच्छता के दावे हवा हैं। हकीकत में स्वच्छता कहां है कोई नहीं जानता है। लोगों ने कचरे को फेंकने के लिए नालों को चिह्नित कर लिया है। चाहे वह स्कूल की खड हो, चाहे इमला विमला की खड्डे हो, पुराना बाजार करसोग का नाला हो या कानी मंडलाह का नाला। हालांकि पंचायतों ने लोगों को जागरूक करने के लिए कोई भी साइन बोर्ड नहीं लगाए हैं कि नदी-नालों में लोग गंदगी को इन विभिन्न स्थान पर गंदगी उड़ेल रहे हैं और बहते जल को दूषित कर रहे हैं।

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सब कुछ जानते हुए भी अधिकारी चुपचाप बैठे हैं। मानो सच में स्वच्छता के प्रति कोई पहल नहीं करना चाहता है।पंचायत हो या बाजार। दुकानदारों और लोगों को कचरे फेंकने के लिए स्थान चिह्नित करना चाहिए। स्वच्छ तो सभी रहना चाहते है, लेकिन इसके लिए पहल करने की जरूरत है।

सरकार के स्वच्छता अभियान कागजों तक हैं। हकीकत में सब बेकार है। सरकारी पैसा बेकार होकर रह गया है। चारों ओर नजर दौड़ाएं तो कूड़ा ही कूड़ा मिलेगा।

लोग इसी तरह नालों में कचरा फेंकते रहे तो पीने का पानी भी दूषित होकर जहर बन जाएगा। यह मानव जाति के लिए खतरे के संकेत हैं। – आचार्य गोपाल कृष्ण। आचार्य गोपाल कृष्ण का कहना है कि कि नगर पंचायत करसोग द्वारा कूड़े निपटान संबंधित निश्चित स्थान प्राप्त हो गया है वैसे भी आजकल नगर पंचायत के टेंडर प्रक्रिया द्वारा प्रतिदिन आसपास करसोग नगर तथा बरल से कूड़ा एकत्रित करने का कार्य शुरू हो चुका है और इस अपील द्वारा जनता तथा आसपास के लोगों से गुजारिश है कि अपने घर का कूड़ा करकट किसी निश्चित स्थान पर ही रखें ताकि हम सरकार द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान मैं अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर पायें।

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